पुलकित के फ्लैट से मिले मंत्रालयों के फर्जी लेटर हेड

Sunday, Sep 30, 2018 - 11:25 AM (IST)

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): क्राइम ब्रांच ने पुलकित मिश्रा उर्फ पुलकित महाराज के साहिबाबाद स्थित शालीमार गार्डन के मकान संख्या 693 में दबिश डालकर अलग-अलग मंत्रालयों के लगभग 20 फर्जी लेटर हेड और कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं। इन फर्जी लेटर हेड व ईमेल पर बहन पारुल ने खुद को पुलकित की सचिव बताया हुआ है। वह पुलिस की पकड़ से बाहर है और फरार बताई जा रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार सुबह क्राइम ब्रांच की टीम ने रोहिणी-सेक्टर 18 स्थित दफ्तर में करीब 5 घंटे तक पुलकित से पूछताछ की। जिसमें जालसाजी से जुड़ी कई और बातें पता चली हैं। पुलिस पुलकित के बैंक अकाउंट तो खंगाल ही रही है, साथ ही उसके करीबियों की भी जांच की जा रही है। बता दें कि वीरवार को क्राइम ब्रांच ने पुलकित को पकड़ा था। वह कथक नृत्य करता है और खुद को आध्यात्मिक गुरु बताता था। संस्कृति मंत्रालय में खुद को निदेशक बताकर वह कई राज्यों में वीवीआईपी सुविधा भी ले चुका है। इसी तरह से एक मामले में पीएमओ के माध्यम से शिकायत दी गई तो उसकी जालसाजी सामने आई। 

शालीमार गार्डन में लगता था पुलकित का दरबार 
पुलकित मिश्रा उर्फ पुलकित महाराज दो साल पहले शालीमार गार्डन में रहने पहुंचा था। उस समय उसकी माली हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी। बाद में एकाएक वह लग्जरी लाइफ जीने लगा। शालीमार गार्डन में उसने आध्यात्मिक केन्द्र खोला और बस यहीं पर उसका दरबार लगने लगा। उसने खुद को मोदी का अध्यात्मिक गुरु बताना शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद उसने दिल्ली की युवती से शादी की और नई कार भी खरीद ली। यहीं पर उसने डांस एकेडमी भी खोल ली।

निजी सुरक्षा पर प्रतिमाह डेढ़ लाख का खर्च
शालीमार गार्डन के स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलकित की कार पर कला एवं संस्कृति मंत्रालय के  निदेशक की प्लेट लगी रहती थी। उसके यहां राजनीति से जुड़े लोग भी आशीर्वाद लेने पहुंचते थे। यही नहीं पुलिस अधिकारी भी ट्रांसफर-पोस्टिंग के काम लेकर उसके पास पहुंचते थे। आरोप है कि इस जालसाज ने गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर भी भोले-भाले नागरिकों को फंसाया था। कुछ समय पहले पुलकित ने अपनी सुरक्षा में चार बाउंसर रख लिए थे। जिन पर वह प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए खर्च करता था। 

सहज तरीके से करता था अफसरों को कॉल
पुलकित के जानकारों की मानें तो लोग उसके पास अपने काम कराने के लिए पहुंचते थे। वह अफसरों को कॉल करके काम करने को कहता था। अफसरों को कॉल करने का उसका तरीका  आध्यात्मिक गुरु की तरह ही होता था। वह सहज तरीके से बात कर अफसरों से अपना काम करा लेता था। लिंक रोड थाने के एक मामले में पुलकित ने एएसपी रहे अनूप सिंह को कॉल कर चार्जशीट से एक युवक का नाम निकलवाने के लिए कहा था।

पत्नी को लड़ाना चाहता था चुनाव
जानकारों का कहना है कि पुलकित की सत्तारूढ़ दल में खासी पकड़ थी। वह स्थानीय नेताओं से टिकट दिलाने का दावा भी करता था। वह अपनी पत्नी को दिल्ली के सोनिया विहार वार्ड से निगम पार्षद का चुनाव लड़ाना चाहता था, लेकिन वह पत्नी को टिकट नहीं दिला सका था। बताया गया कि वह मूल रूप से मुरादाबाद के चंदौसी कस्बे का रहने वाला है। 

Anil dev

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