ISI जासूसी रैकेट : जन-धन खाते से पाकिस्तान में भेजेते थे पैसे

Thursday, Feb 16, 2017 - 05:00 PM (IST)

नई दिल्ली : आईएसआई जासूसी रैकेट में 11 एजेंटों की गिरफ्तारी के बाद एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। एटीएस को जांच में पता चला है कि ये एजेंट आईएसआई को जानकारी देने के लिए 15 समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज का इस्तेमाल कर रहे थे। सतना से गिरफ्तार हुए बलराम ने ये जानकारी एटीएस को दी है। बुधवार को एटीएस की टीम सतना से बलराम के सहयोगी रज्जन उर्फ राजीव तिवारी को प्रोटेक्शन वारंट के तहत भोपाल ले आई है। एटीएस को जानकारी मिली थी कि रज्जन गांजा तस्करी में शामिल है जिसके बाद एटीएस ने इसे हिरासत में ले लिया था।

पाकिस्तानी आकाओं तक पैसे पहुंचाने के लिए रज्जन ने बलराम के कहने पर ग्रामीणों के जन-धन अकाउंट का इस्तेमाल किया था। इस मामले में एटीएस ने बलराम से जुड़े करीब 100 लोगों की सूची तैयार की है, जिनसे वो बातचीत करता था। एटीएस को जांच में बलराम के 100 से ज्यादा बैंक खातों का पता चला है, जो ज्यादातर सतना में है और निजी बैंको में है। पूछताछ में पता चला है कि पाकिस्तानी हैंडलर्स तक पैसे पहुंचाने के लिए बलराम ग्रामीणों के नाम पर जन-धन स्कीम वाला खाता खुलवाता था और उनके खाते से पाकिस्तान में पैसे भेजता था। 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने डीजीपी को लिखा पत्र
आईएसआई जासूसी मामले में विपक्ष ने भी मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरुण यादव ने फोन टैपिंग की जांच को लेकर डीजीपी को पत्र लिखा है। उन्होंने मामले के समस्त बिंदुओं पर जांच और कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लिखा कि ध्रुव सक्सेना द्वारा उपयोग में लाए गए टेलीफोन, उपकरणों और कॉल डिटेल की जांच की जाए, ताकि पता चल सके कि इस कड़ी में और कौन-कौन भाजपा नेता शामिल हैं। मध्य प्रदेश एटीएस ने पाकिस्तान से संचालित जासूसी और हवाला कारोबार से जुड़े सतना के बलराम सहित ग्वालियर से 5, भोपाल से 3 और जबलपुर से 2लोगों को गिरफ्तार किया है।

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