ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की रक्षा के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका

Wednesday, Jul 25, 2018 - 06:16 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने आज केंद्र और आप सरकार को उस जनहित याचिका पर अपना रूख स्पष्ट करने का निर्देश दिया जिसमें दावा किया गया है कि चार साल पहले ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद उन्हें अभी भी अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल कार्यालय और सामाजिक न्याय तथा गृह मंत्रालय को नोटिस जारी कर याचिका पर उनका जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि ट्रांसजेंडर शिक्षा के बुनियादी अधिकार , रोजगार के अवसर और सम्मान से जीवन जीने के अवसरों से वंचित किया जा रहा है।

विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के दो छात्रों की याचिका के मुताबिक नालसा मामले में ट्रांसजेंडरों के अधिकारों पर उच्चतम न्यायालय के 2014 के निर्देश चार साल बीतने के बाद भी लागू नहीं किये गये हैं। राशि जैन और मिहिर गर्ग की याचिका में दलील दी गयी है कि उच्चतम न्यायालय ने 2014 के अपने फैसले में प्राधिकारों को ट्रांसजेंडरों से थर्ड जेंडर का व्यवहार करने और उन्हें कानूनी पहचान प्रदान करने का निर्देश दिया था। अदालत ने मामले की आगे सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तारीख तय की है।

Yaspal

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