धान की खरीद के लिए 27,000 करोड़ रुपये का प्रबंध
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 06:46 PM (IST)

चंडीगढ़, 17 सितंबर (अर्चना सेठी) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने आज जालंधर जिले की भोगपुर दाना मंडी में धान खरीद सीजन की औपचारिक शुरुआत करते हुए किसानों की पूरी फसल की ढुलाई सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार की वचनबद्धता को दोहराया।
खरीद प्रबंधों की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी हितधारकों के लिए सुचारू और निर्बाध खरीद सीजन सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। कटारूचक ने आगे कहा कि हाल ही में आई बाढ़ से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, पूरे पंजाब में बेहतर प्रबंध किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई कठिनाई न आए। कटारूचक ने कहा कि खरीद सीजन के दौरान किसानों की भलाई हमेशा प्रदेश सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है।
उन्होंने बताया कि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है और सरकार ने पहले ही सितंबर के लिए 15,000 करोड़ रुपये और अक्टूबर के लिए 27,000 करोड़ रुपये की नकद ऋण सीमा प्राप्त कर ली है। उन्होंने आगे कहा कि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए बारदाने (गनी बैग) की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
इस वर्ष पंजाब को 172 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था लेकिन लगभग 190 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के लिए प्रबंध किए गए हैं।
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि फसल की ढुलाई और भुगतान एक साथ किया जाएगा और किसानों के खातों में सीधा भुगतान तुरंत डाल दिया जाएगा। उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, पंजाब मंडी बोर्ड और जिला प्रशासन के अधिकारियों को पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित करने के लिए मंडियों में कार्य की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने के निर्देश दिए।
पंजाब मंडी बोर्ड ने निर्बाध खरीद सुनिश्चित करने के साथ-साथ मंडियों में बिजली, स्वच्छ पेयजल और अन्य सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था के लिए 1822 मंडियां/खरीद केंद्र सक्रिय किए हैं।
अपने दौरे के दौरान श्री लाल चंद कटारूचक ने किसानों गुरकीरत सिंह, जसपाल सिंह और सुखराज सिंह से भी बातचीत की, जिन्होंने भोगपुर दाना मंडी में तेज खरीद प्रक्रिया की सराहना की। मंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी फसल का भुगतान जल्द से जल्द किया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे मंडियों में पूरी तरह सूखा धान ही लाएं क्योंकि अधिक नमी होने पर खरीद प्रक्रिया में कठिनाई आ सकती है।