farmers protest: कृषि मंत्री ने कहा-रद्द नहीं होगा कानून, किसान नेता बोले-तो लंबी चलेगी लड़ाई

Sunday, Jan 17, 2021 - 03:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर रविवार को बैठक की। बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें कृषि कानून में कोई संशोधन नहीं चाहिए बल्कि हम चाहते हैं कि यह कानून रद्द हो। राकेश टिकैत ने कहा कि किसान कृषि कानून रद्द कराए बिना नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो यह लड़ाई लंबी चलेगी। राकेश टिकैत ने कहा कि हम मामला लेकर सुप्रीम कोर्ट नहीं गए थे इसलिए कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के सामने भी हम पेश नहीं होंगे।

वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानून रद्द नहीं होगा, इसके अलावा किसान और बताएं कि वो क्या चाहते हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि हमने किसानों की ज्यादातर मांगें मानी हैं, हमें कृषि कानून में संशोधन करके भी किसानों को भेजा। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कानून रद्द नहीं होगा, इसकी जगह किसान और क्या चाहते हैं वो बताएं वो हम इसमें सुधार करेंगे। साथ ही कृषि मंत्री ने कहा कि उम्मेदी है 19 जनवरी को वार्ता से कुछ हल निकले

26 जनवरी को किसानों का ट्रैक्टर मार्च
किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले हैं। ट्रैक्टर मार्च को सफल बनाने के लिए पंजाब-हरियाणा में पूर्वाभ्यास हो रहा है। किसानों के ट्रैक्टर मार्च को लेकर बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। संगरूर में कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को दिल्ली में किसान संगठनों द्वारा ट्रैक्टर मार्च के ऐलान के बाद इसे सफल बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शनिवार को अमरगढ़ और भवानीगढ़ के करीब 21 गांवों में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला।

NIA की कार्रवाई से किसान नाराज
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) के नोटिस भेजे जाने पर किसान संगठनों ने नाराजगी जताई है। किसान नेताओं का कहना है कि वह इस मामले को केंद्रीय स्तर पर होने वाली बैठक में उठाएंगे। NIA ने सिख फॉर जस्टिस मामले में पंजाबी अभिनेता दीप सिंह सिद्धू और किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा समेत करीब 40 लोगों को नोटिस भेजकर तलब किया है। सिरसा और सिद्धू को रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। 

अगली बैठक 19 जनवरी को
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार का रूख लचीला है और उन्होंने किसान संगठनों से भी रूख में लचीलापन लाने की अपील की। 15 जनवरी को किसान और सरकार के बीच हुई बैठक का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया जिसके बाद अब अगली वार्ता 19 जनवरी को होगी। कृषि मंत्री ने कहा कि यह संयोग ही है कि अगले दौर की वार्ता उस दिन होने जा रही है जिस दिन कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध दूर करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति की पहली बैठक होने की संभावना है। वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर सकती है जो गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के आह्वान के खिलाफ दायर की गई है।

किसानों की मांग, कमेटी में नए लोगों जल्दी ऐलान करे SC
एक किसान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए बनाई गई कमेटी से शेष तीनों सदस्यों को हटाया जाए और ऐसे लोगों को उसमें रखा जाए जो ‘‘परस्पर सौहार्द के आधार पर'' काम कर सकें। भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति ने कहा कि यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन होगा क्योंकि चार सदस्यीय समिति में जिन लोगों को नियुक्त किया गया है ‘‘उन्होंने इन कानूनों का समर्थन किया है।

Seema Sharma

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