डोगरा विरोधी नीतियों के लिए वीसी के खिलाफ प्रदर्शन, विश्वविद्यालय में घोटालों की जांच करवाने की मांग

Monday, Aug 17, 2020 - 06:09 PM (IST)

साम्बा (संजीव): स्थानीय नेता राजेश पडग़ोत्रा एवं पूर्व सरपंच खजूर सिंह के नेतृत्व में राया, सुचानी, खू-तालाब, बड़ोढ़ी, पाट्टी, रांजड़ी, राजिंद्र पुरा, नथवाल, संगवाल, पेखड़ी और गुढ़ा सलाथीयाँ के स्थानीय निवासियों द्वारा आज केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के परिसर में वीसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने वीसी पर युनिवर्सिटी में डोगरा विरोधी नीतियों को लागू करने का आरोप लगाते हुए सेंट्रल युनिवर्सिटी में वित्तीय गबन और घोटाले की सीबीआई जांच करने की भी मांग की।


    राजेश पडग़ोत्रा ने आरोप लगाया कि वीसी ने गत 7 बरसों से पढ़ा रहे व यूजीसी के नियमों के अनुसार वेतन प्राप्त कर रहे डोगरा कांट्रेक्चयुल शिक्षकों का वेतन कम कर दिया है व कुछक के स्थान पर कश्मीरियों की नियुक्ति कर दी है। जब कुछ डोगरा संविदा संकाय ने इसका विरोध किया और वीसी के अवैध निर्णय के खिलाफ अदालत में गए तो अदालत के आदेश का पालन करने के बजाय वीसी ने डोगरा कर्मियों का वेतन रोका दिया व अनुबंध खत्म क दिया। पडग़ोत्र ने कहा कि नए अनुबंध में वीसी ने उन्हें एक क्लॉज़ पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा, जिसमें वे उनके खिलाफ किसी भी प्रतिकूल निर्णय के लिए अदालत में नहीं जा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वीसी ने इस विश्वविद्यालय को अपनी निजी संपत्ति बना लिया है व डोगरों का करियर नष्ट करने के लिए हर रणनीति का उपयोग कर रहे हैं। 


परगोत्रा ने सेंट्रल युनिवर्सिटी में अवैध नियुक्तियोंं और वित्तीय धांधलियों का मामला भी उठाया और इनकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि घोटालों के पैसे से नियमों को ताक पर रख कर आलीशान बंगले बनाए गए हैं जिनकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करके रिश्वत के लिए एसटी/एससी और ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को सामान्य श्रेणी में और सामान्य श्रेणी के पदों को एसटी/एससी /ओबीसी श्रेणी में परिवर्तित कर दिया गया है। वहीं अन्य लोगों ने भी कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है।  

Monika Jamwal

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