सरकार का दावा, मौत से कुछ घंटे पहले मान ली गई थीं प्रोफेसर जीडी अग्रवाल की कुछ मांगें

Friday, Oct 12, 2018 - 09:49 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  गंगा नदी के संरक्षण को लेकर पिछले 111 दिनों से अनशन कर रहे जाने-माने पर्यावरणविद प्रोफेसर जी.डी. अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद (86) का गुरुवार दोपहर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। ऋषिकेश स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रविकांत ने बताया कि स्वामी सानंद ने गुरुवार को यहां संस्थान में अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया कि स्वामी सानंद ने अपना शरीर एम्स ऋषिकेश के चिकित्सा शिक्षा के छात्रों के उपयोग के लिए दान कर दिया था। उन्होंने बताया कि स्वामी सानंद को उच्च रक्तचाप, हर्निया के साथ-साथ कोरोनरी आर्टरी रोग भी था और अनशन के कारण उनकी सेहत ज्यादा बिगड़ गई थी।

हरिद्वार स्थित मातृ सदन में पिछले 22 जून से अनशन कर रहे स्वामी सानंद के बुधवार को जल त्यागने के बाद प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया था। हरिद्वार जिला प्रशासन ने उनके आश्रम परिसर के चारों ओर धारा 144 लगाकर उन्हें बुधवार को जबरन उठा कर एम्स में भर्ती करा दिया था। नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि प्रोफेसर अग्रवाल की कुछ मांगें मान ली गईं थीं और सरकार की ओर से आश्वासन लेकर पहुंचे हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने उनसे अनशन खत्म करने का अनुरोध भी किया था, लेकिन उन्होंने अनुरोध को ठुकरा दिया था। इस बीच, गंगा संरक्षण को लेकर स्वामी सानंद के प्राण त्यागने के बाद ‘मातृसदन’ के प्रमुख परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने उनके निधन को हत्या करार दिया है और उनकी मौत की उच्च्स्तरीय जांच की मांग की है।

स्वामी सानंद ने 9 सितंबर को घोषणा की थी कि वह अक्टूबर में जल त्याग देंगे, जिसके बाद 11 सितंबर को नेशनल मिशन फॉर गंगा क्लीनिंग के निदेशक ने उनसे वार्ता की और 13 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें समर्थन दिया था। स्वामी सानंद वर्ष 2008 में उस वक्त चर्चा में आए थे, जब वह उत्तरकाशी में मणिकर्णिका घाट पर भागीरथी पर बन रही पनबिजली परियोजनाओं को तत्काल बंद करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे।

Seema Sharma

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