राहुल गांधी के सामने कश्मीरी महिला ने बयां किया दर्द, प्रियंका का ट्वीट- राष्ट्रवाद के नाम पर दमन
Sunday, Aug 25, 2019 - 07:42 PM (IST)
नई दिल्लीः कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने विपक्ष पर जम्मू-कश्मीर मामले का ‘‘राजनीतिकरण'' करने का आरोप लगाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर में लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त करने से अधिक ‘‘राजनीतिक'' और ‘‘राष्ट्र-विरोधी'' कुछ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाना बंद नहीं करेगी।
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के बाद कश्मीर घाटी की स्थिति का जायजा लेने के लिए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को राज्य प्रशासन ने शनिवार को श्रीनगर हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी, इसके बाद प्रतिनिधिमंडल को वापस दिल्ली लौटना पड़ा।
प्रियंका ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया जिसमें एक महिला श्रीनगर से उड़ान भरने वाले विमान में राहुल गांधी को परिवार और प्रियजनों को होने वाली परेशानियां बताती दिखाई दे रही है। उन्होंने वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘ यह आखिर कब तक चलेगा? यह उन लाखों लोगों में से एक हैं जिनकी आवाज को ‘‘राष्ट्रवाद'' के नाम पर दबाया जा रहा है।''
How long is this going to continue?This is one out of millions of people who are being silenced and crushed in the name of “Nationalism”.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 25, 2019
For those who accuse the opposition of ‘politicising’ this issue: https://t.co/IMLmnTtbLb
प्रियंका ने कहा, ‘‘ वह जो विपक्ष पर मामले का ‘‘राजनीतिकरण'' करने का अरोप लगाते हैं। कश्मीर में लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त करने से अधिक ‘‘राजनीतिक'' और ‘‘राष्ट्र-विरोधी'' कुछ नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ इसके खिलाफ आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है, हम यह करना बंद नहीं करेंगे।'' केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केन्द्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक बयान जारी कर विपक्ष के नेताओं से कहा था कि वह घाटी का दौरा नहीं करें क्योंकि इससे क्षेत्र में वापस लौट रही शांति और सामान्य जन जीवन में बाधा आएगी।
विपक्षी दलों को घाटी नहीं जाने देने के प्रशासन के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने संवाददाताओं से शनिवार शाम को कहा कि ऐसे समय में शांति तथा कानून व्यवस्था कायम रखना एक प्राथमिकता है जब सीमा पार से आतंकवाद का खतरा बना हुआ है। कंसल ने कहा, ‘‘उनसे घाटी का दौरा नहीं करने का अनुरोध किया गया था।''