प्रधानमंत्री के इरादे नेक नहीं, वास्तविक मुद्दों पर नहीं है ध्यान : राहुल गांधी

Wednesday, Jun 13, 2018 - 09:51 PM (IST)

महाराष्ट्रः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आरोप लगाया कि मोदी के इरादे नेक नहीं हैं और किसानों की समस्याओं को दूर करने के बदले वह अपने उद्योगपति मित्रों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बेरोजगारी , कृषि , शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देने के बदले मोदी योग, स्वच्छ भारत मिशन और लोगों को आपस में लड़ाने में व्यस्त हैं।

राहुल ने दिवंगत दादाजी खोबरागड़े के परिजनों से मुलाकात करने के लिए आज विदर्भ क्षेत्र के चंद्रपुर जिले के नांदेड़ गांव का दौरा किया। दादाजी ने चावल की खेती में क्रांतिकारी बदलाव किया था। राहुल ने बाद में स्थानीय लोगों के साथ संवाद सत्र‘ चौपाल‘ में बातचीत की। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकों का करोड़ों रूपया नीरव मोदी और अपने अन्य दोस्तों को दे रहे हैं। बैंकों से 35,000 करोड़ रुपये लेने के बाद नीरव मोदी ने कितने लोगों को रोजगार दिया ?’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर दादाजी खोबरागड़े को केवल 5 करोड़ रुपये दिए गए होते तो वह पांच हजार नौकरियां पैदा कर देते। जिनके पास ज्ञान है, जो लोग रोज कठोर मेहनत करते हैं , उन्हें सरकार से मदद नहीं मिलती।’’ उन्होंने कहा कि बैंकों का पैसा किसानों, छोटे कारोबारियों और शोधकर्ताओं को दिया जाना चाहिए था जो रोजगार के अधिक अवसर पैदा करते।

राहुल ने आरोप लगाया, ‘‘ मोदी बैंकों के पैसे का इस्तेमाल 15 से 20 उद्योगपतियों के ऋण माफ करने और उनकी जेबें भरने के लिए कर रहे हैं। नीरव मोदी 35,000 करोड़ रुपये लेकर भाग गया। संप्रग सरकार ने यह राशि मनरेगा में दी थी। प्रधानमंत्री ने अपने किसी भी वायदे को पूरा नहीं किया क्योंकि उनके इरादे नेक नहीं हैं। राहुल ने आरोप लगाया कि इस सरकार के चार साल बीत गए हैं और युवा ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ देश के नेता को लोगों को रास्ता दिखाना होता है और उनमें विश्वास की भावना पैदा करनी होती है। यदि प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के इरादे साफ हों तो लोगों के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।’’

किसानों की आत्महत्या के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में राहुल गांधी ने कहा , ‘‘ मैं उन लोगों की मदद करना चाहता हूं जिन्हें बहुत पहले भुला दिया गया है। आज , हमारे किसान मुसीबत में और परेशान हैं। ’’ जनसभा से पहले , राहुल ने खोबरागड़े के परिजनों से मुलाकात की और उनकी उपलब्धियों के प्रति देश की उदासीनता  के लिए उनसे माफ़ी मांगी। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि खोबरागड़े ने क्रांतिकारी एचएमटी किस्म की धान का आविष्कार किया था। लेकिन वह लगभग गुमनामी में रहे और अभाव में ही उनकी मृत्यु हो गई।

राहुल गांधी ने इस बारे में ट्वीट भी किया। लंबी बीमारी के बाद इस महीने की शुरुआत में 78 वर्षीय दादाजी खोबरागड़े की मौत हो गई। कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत, वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश, पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अशोक चव्हाण और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे - पाटिल इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ थे।


चव्हाण ने कहा, ‘‘ राहुलजी ने उनके द्वारा विकसित चावल की विभिन्न किस्मों के बारे में जानकारी ली। राहुलजी यह भी जानना चाहते थे कि खोबरागड़े कैसे धान की इतनी किस्मों को विकसित करने में सफल हुए।’’ उन्होंने कहा कि चावल की किस्मों को पेटेंट कराने के मुद्दे पर भी उनके परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा की गई। चव्हाण ने कहा कि दादाजी ने चावल की 11 किस्मों का विकास किया। हालांकि , उनमें से कोई भी पेटेंट नहीं किया गया है। उनके परिवार को कांग्रेस द्वारा 2.5 लाख रुपये और राधाकृष्ण विखे पाटिल द्वारा 5 लाख रुपये का चेक खोबरागड़े के परिजनों को सौंपे गए।

Yaspal

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