नरेंद्र मोदी 2029 तक बने रह सकते हैं प्रधानमंत्री

Tuesday, Mar 20, 2018 - 01:13 PM (IST)

नई दिल्लीः भाजपा सरकार अभी से मिशन 2019 के लिए जुट गई है। फिर से सत्ता में आने के लिए भाजपा कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। वहीं ब्लूमबर्ग मीडिया समूह ने दुनिया के 16 देशों के नेताओं का एक आकलन किया है। ब्लूमबर्ग मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नरेंद्र मोदी 2029 तक प्रधानमंत्री बने रह सकते हैं। रिपोर्ट में मोदी ज्यादा दिनों तक शासन कर सकने वाले नेताओं में छठे स्थान पर हैं।

ब्लूमबर्ग मीडिया की रिपोर्ट पर एक नजर


पीएम नरेंद्र मोदी (भारत)
मोदी हर वर्ग के लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। बच्चे से लेकर युवा तक उनको फॉलो करते हैं। रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई कि 2019 में भी उनके नेतृत्व में राजग की सरकार बनेगी। अगर ऐसे होता है तो 2024 तक मोदी के पीएम बने रहने की प्रबल संभावना है। उनके समक्ष अभी देश में कोई दमदार नेता नहीं है जिसके चलते कहा जा सकता है कि वे 2029 तक देश की पीएम के तौर पर सेवा कर सकते हैं।

किम जोंग उन (उत्तर कोरिया)
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच अगर युद्ध की स्थितियां पैदा नहीं होती हैं तो
उत्तर कोरिया के तानाशाह किंग किम जोंग उन कई दशकों तक शासन कर सकते हैं।

मोहम्मद बिन सलमान (सऊदी अरब)
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अरब के प्रभावी शासक हैं। उनके अगले 50 सालों तक शासन करने की संभावना है।

शी चिनफिंग (चीन)
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग दूसरी बार राष्ट्रपति बने हैं और उम्मीद है कि वे आगे भी शासन करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप (अमेरिका)
डोनाल्ड ट्रंप जब से राष्ट्रपति बने हैं उनका कार्यकाल विवादों में ही रहा है। वे अपनी जनता के बीच खासे लोकप्रिय नहीं है। इसलिए संभव है कि यह उनका आखिरी कार्यकाल हो या इसे भी पूरा न कर पाएं।

व्लादिमीर पुतिन (रूस)
रूस में राष्ट्रपति चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद व्लादिमिर पुतिन चौथी बार  सत्ता में काबिज हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में उन्हें पद त्यागना पड़ सकता है।

बेंजामिन नेतन्याहू (इजरायल)
नेतन्याहू 1948 में इजऱाइल राज्य की स्थापना के बाद पैदा हुए पहले इजऱाइली प्रधानमंत्री हैं। वे 2009 में दस साल बाद सत्ता में आए थे। उनका नाम घोटलों में शामिल है। अगर वे इसमें दोषी पाए गए तो उनकी सत्ता हाथ से जा सकती है।

शिंजो आबे (जापान)
2014 के आम चुनाव में निर्वाचित हुए, गठबंधन साथी कोमिटा के साथ अपने दो-तिहाई बहुमत को बरकरार रखते हुए, और फिर 2017 के आम चुनाव में। वे इन दिवों कई आरोपों का सामना कर रहे हैं जिससे उनके फिर से पीएम बनने की संबानाएं कम हैं।

Punjab Kesari

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