भारत व यूरोपीय संघ आतंकवाद के खिलाफ हों एकजुट: राष्ट्रपति

Tuesday, Jun 19, 2018 - 07:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि भारत और यूरोपीय संघ को समझाना चाहिए कि अच्छे और बुरे आतंकवादियों के बीच कोई अंतर नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद के राज्य प्रायोजकों पर प्रतिबंध लगाए जाने पर भी बल दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ऐसे अंतरराष्ट्रीय शासन को लेकर प्रतिबद्ध है जो व्यवहार्य और टिकाऊ हो तथा राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करता हो। कोविंद ने कहा कि यूरोप के पूरब और भारत के पश्चिम में अस्थिरता और अतिवाद वाले क्षेत्र हैं। वे यूरोप और भारत दोनों के लिए चिंता का विषय हैं।

आतंकवाद चिंता का विषय
कोविंद हेलेनिक फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यूरोप के साथ भारत के संबंध विषय पर बोल रहे थे। जिस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य और राज्य से इतर तत्वों द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देना, विवेकहीन नफरत से पैदा उग्रवाद और आतंकवादी समूहों के वित्तीय चैनल किसी एक या दूसरे देश को नहीं बल्कि सभी मानवता के लिए खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने खतरे का मुकाबला करने और आतंकवादियों के वित्त पोषण पर नियंत्रण के लिए ‘‘ फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ’’ (एफएटीएफ) और ‘‘ ग्लोबल काउंटर - टेरोरिज्म फोरम ’’ जैसे बहुपक्षीय मंचों को मजबूत बनाए जाने पर भी बल दिया।  

विश्व शांति में योगदान दें सभी देश
भारत, अफगानिस्तान और अमेरिका का आरोप है कि पाकिस्तान आतंकवादियों, अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के तत्वों को सुरक्षित पनाह मुहैया कराता है। हालांकि पाकिस्तान इस आरोप से इंकार करता आया है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ को तथाकथित‘ अच्छे‘ और‘ बुरे‘ आतंकवादियों के बीच अंतर नहीं करने तथा आतंकवाद के राज्य प्रायोजकों पर प्रतिबंध एवं बहुपक्षीय मंचों को मजबूत बनाने के लिए राजी करना चाहिए। वह राजनयिकों, नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब हम जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए काम करते हैं तो हम विश्व शांति में योगदान देते हैं। 

यूरोपीय संघ एक महत्वपूर्ण स्रोत 
कोविंद ने स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के बारे में कहा कि भारत और यूरोपीय संघ 2015 के पेरिस समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने ऊर्जा मिश्रण में गैर-जीवाश्म ईंधन के हिस्से को बढ़ा रहा है। 2027 तक यह मौजूदा 31 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो जाएगा। राष्ट्रपति ने यूनान को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है। यूरोपीय संघ निवेश और प्रौद्योगिकी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। 
 

vasudha

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