महाराष्ट्र प्रकरण से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यपाल ने पदों की गरिमा गिराई: गहलोत

Wednesday, Nov 27, 2019 - 11:28 PM (IST)

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाकर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री को शपथ दिलाकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल ने अपने अपने पदों की गरिमा गिराई है। गहलोत ने बुधवार को बातचीत में कहा,‘इस प्रकार के निर्णयों से मैं समझता हूं कि इन सबने अपनी प्रतिष्ठा खोई है, यह सब संस्थाएं हैं। प्रधानमंत्री पद एक संस्था है, गृहमंत्री एक संस्था है, राज्यपाल महोदय एक संस्था के रूप में हैं और राष्ट्रपति महोदय हम सबके राष्ट्राध्यक्ष, ये तमाम जो संस्थाएं हैं उनकी गरिमा गिराने का अधिकार किसी को नहीं है। इसके लिए जनता कभी माफ नहीं करेगी।'

गहलोत ने कहा,‘वह घटना तो लंबे समय तक जनता के दिलों दिमाग में रहेगी जिस रूप में रात के अंधेरे में राज्यपाल महोदय रिकमेंड (सिफारिश) कर रहे हैं, राष्ट्रपति शासन समाप्त करने का, प्रधानमंत्री जी बिना कैबिनेट बुलाए रिकमेंड कर रहे हैं राष्ट्रपति महोदय को। राष्ट्रपति महोदय पता नहीं उस वक्त क्या कर रहे थे उनको तकलीफ दी होगी उठाने की, साइन करवाए होंगे और उसके बाद में सुबह 5:47 पर राष्ट्रपति शासन समाप्त। 8:00 बजे देवेन्द्र फडणवीस और अजित पवार ने शपथ ली और 8:15 बजे प्रधानमंत्री मोदी जी का ट्वीट बधाई के लिए, पूरी सीक्वेंस जो है, बताती है कि आप देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हो।'

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को जनता से जुड़े मुद्दों पर काम करना चाहिए। इससे पूर्व गहलोत ने कहा कि देश में भाजपा का ‘ग्राफ' लगातार सिकुड़ रहा है और वह दिन दूर नहीं जब उसकी विचारधारा को देश भर में खारिज कर दिया जाएगा। गहलोत ने महाराष्ट्र चुनाव के बाद मीडिया के एक वर्ग में आए एक ‘ग्राफ' के साथ ट्विटर पर यह बात लिखी है।'सिमटती भाजपा' शीर्षक वाले इस ‘ग्राफ' में दिखाया गया है कि दिसंबर 2017 में देश में भाजपा शासित इलाका 71 प्रतिशत था जो अब घटकर 40 प्रतिशत रह गया है। वहीं गैर भाजपा दलों से शासित इलाका अनुपात में बढ़ा है। 

उल्लेखनीय है कि मीडिया के एक वर्ग ने भाजपा शासित प्रदेशों और गैर भाजपा शासित प्रदेशों का एक ग्राफ प्रकाशित किया था। गहलोत ने लिखा है, ‘कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वालों के लिए यह तस्वीर आईने की तरह है, जनता लगातार स्पष्ट सन्देश दे रही है, विभाजनकारी और नकारात्मक सोच को नकार रही है।' उन्होंने लिखा है,‘इस देश में तमाम विचारधाराएं हैं, लड़ाई व्यक्तिगत नहीं, विचारधारा की होनी चाहिए।' उन्होंने लिखा है, ‘बहुत जल्द ही, उनकी विचारधारा को देश भर में खारिज कर दिया जाएगा।'

shukdev

Advertising