चीन से विवाद के बीच हेरॉन ड्रोन को लेजर गाइडेड बम और मिसाइलों से लैस करने की तैयारी

Monday, Aug 10, 2020 - 06:04 AM (IST)

नई दिल्लीः लद्दाख में एलएसी पर जारी तनातनी के बीच भारतीय सशस्त्र बल अपने हेरॉन ड्रोन को लेजर गाइडेड बम और एंटी टैंक मिसाइल जैसी क्षमताओं से लैस करने की योजना बना रहे हैं। इससे सुरक्षा बलों को दुश्मन के नापाक इरादों से निपटने में और अपनी सीमा पर अपनी स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी। बता दें कि इन इस्रायली हेरॉन ड्रोन का इस्तेमाल वर्तमान में भारत की तीनों सेनाएं कर रही हैं।

सरकार के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, "इस परियोजना के तहत, तीनों सेनाओं के लगभग 90 हेरॉन ड्रोन को लेजर-गाइडेड बम, एयर टू ग्राउंड और एयर-लॉन्च एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस किया जाएगा।" इस मामले पर डिफेंस मिनिस्ट्री की एक हाई लेवल बॉडी और रक्षा सचिव अजय कुमार द्वारा विचार किया जाएगा। अजय कुमार तीनों सेनाओं के लिए सभी पूंजी खरीद के प्रभारी हैं। प्रस्ताव में, सशस्त्र बलों ने ड्रोनों को मजबूत निगरानी और टोही पेलोड से लैस करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे दुश्मन की ठिकानों और स्टेशनों पर न सिर्फ नजर रखी जा सके बल्कि जरूरत पड़ने पर उन्हें ध्वस्त भी किया जा सके।

भारतीय बेड़े में शामिल Medium altitude long endurance drones को UAV भी कहा जाता है, जिनमें से ज्यादातर इजारयल से लिए गए हैं। इन्हें सेना और वायु सेना द्वारा लद्दाख सेक्टर के फॉरवर्ड इलाकों में चीन की सीमा के साथ तैनात किया गया है। ड्रोन चीनी सेना द्वारा disengagement को सत्यापित करने में मदद कर रहे हैं और साथ ही साथ उनकी टुकड़ियों की संख्या की जानकारी पता लगाने में भी मददगार साबित हो रहे हैं।

सशस्त्र बलों ने इसके लिए 'प्रोजेक्ट चीता' नाम के प्रस्ताव को फिर शुरू किया है। यह प्रस्ताव काफी समय से लंबित है और इस पर 3500 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत आने का अनुमान है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सूत्रों ने बताया, 'इस प्रोजेक्ट के तहत लगभग तीनों सेनाओं के 90 हेरॉन ड्रोन को लेजर गाइडेड बम, हवा से जमीन में और हवा में मार कर सकने वाली एंटी टैंक मिसाइलों से लैस कर अपग्रेड किया जाएगा।'

इस प्रोजेक्ट में सशस्त्र बलों ने ड्रोन को मजबूत निगरानी सिस्टम से लैस करने का प्रस्ताव है। इससे भारतीय बलों को दुश्मन की स्थिति जानने में मदद मिलेगी और इसमें लैस हथियारों से जरूरत पड़ने पर उन्हें तबाह भी किया जा सकेगा। भारत के मध्यम ऊंचाई वाले  और लंबी क्षमतओं वाले ड्रोन या अनमैन्ड एरियल व्हीकल के बेड़े में मुख्यत: इस्राइली हेरॉन ड्रोन और उकरण शामिल हैं। 

इन ड्रोन्स को थल सेना और वायु सेना दोनों ने ही चीन के साथ सीमा के पास लद्दाख सेक्टर में अग्रिम स्थानों पर तैनात किया है। ये ड्रोन चीनी सेना के पीछे हटने की स्थिति को पुष्ट करने में और गहराई वाले इलाकों में उनके द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों की जानकारी पाने में भी मदद कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि इन अपग्रेडेड ड्रोन का इस्तेमाल पारंपरिक सैन्य गतिविधियों और भविष्य में आंतक के खिलाफ भी किया जा सकेगा।

 

Yaspal

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