''व्यूज़ रुपया दे सकता...''? प्रेमानंद महाराज बोले- ''दंड मिलेगा तो सहन नहीं कर पाओगे।'' जानिए क्यों कहा ऐसा
punjabkesari.in Saturday, Oct 18, 2025 - 11:45 AM (IST)

नेशनल डेस्क : सोशल मीडिया पर इन दिनों संत प्रेमानंद महाराज से संबंधित कुछ पुरानी और भ्रामक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रही हैं। इन वीडियो के कारण उनके भक्तों के बीच असमंजस और चिंता की स्थिति बन गई है। इन फर्ज़ी वीडियो के प्रसार पर संत प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि इन झूठे वीडियो से उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोई दुख नहीं है, लेकिन उनके श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। प्रेमानंद जी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि जो लोग इस तरह का भ्रम फैला रहे हैं, उन्हें भविष्य में अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा।
इन फर्ज़ी वीडियो के प्रसार पर संत प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि इन झूठे वीडियो से उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोई दुख नहीं है, लेकिन उनके श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। महाराज ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि जो लोग इस तरह का भ्रम फैला रहे हैं, उन्हें भविष्य में अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा।
भक्तों में बढ़ी चिंता
जानकारी के अनुसार जब से संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुई है, तभी से फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर उनके स्वास्थ्य से जुड़े पुराने वीडियो को दोबारा शेयर किया जा रहा है। इन वीडियो को देखकर कई भक्त उनके स्वास्थ्य को लेकर अत्यधिक चिंतित हो गए हैं। कई श्रद्धालु सीधे उनके आश्रम पहुंचकर हालचाल जानने लगे हैं, जबकि कुछ लोग फ़ोन करके जानकारी जुटा रहे हैं।
'व्यूज़ के लालच में पाप भारी पड़ेगा'
एक बातचीत के दौरान जब संत नवल नागरी ने महाराज के सामने यह मुद्दा उठाया कि लोग उनकी पुरानी बीमारी के समय के वीडियो पोस्ट करके भ्रम फैला रहे हैं, तो प्रेमानंद महाराज ने जवाब दिया कि केवल 'व्यूज़' (देखने वालों की संख्या) बढ़ाने के लालच में ऐसा पाप करना बहुत महंगा पड़ सकता है। उन्होंने कहा, "ऐसे लोग जो झूठ फैलाकर भक्तों की आस्था से खेल रहे हैं, जब उन्हें इसका दंड मिलेगा तो वह सहन नहीं कर पाएंगे।"
संत ज्ञानानंद महाराज से स्नेह भरी मुलाकात
इसी बीच गीता मनीषी संत ज्ञानानंद महाराज भी प्रेमानंद महाराज से मिलने उनके आश्रम पहुंचे। दोनों संतों की यह मुलाकात स्नेह और श्रद्धा से भरी रही। प्रेमानंद महाराज ने संत ज्ञानानंद महाराज के चरणों का पूजन कर उनका स्वागत किया।