मोदी के विरोध में गलती कर बैठे प्रशांत भूषण, SC ने लगाई फटकार

Thursday, Mar 07, 2019 - 03:39 PM (IST)

नई दिल्ली: अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में स्वीकार किया कि उन्होंने एम नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्ति के बारे में उच्चाधिकार चयन समिति की बैठक की कार्यवाही के विवरण को गढ़ा हुआ बताने संबंधी अपना ट्विट करके ‘सही में गलती’ की थी। 

SC dismisses an application filed by Prashant Bhushan seeking recusal of Justice Arun Mishra from hearing contempt case filed by AG KK Venugopal and Centre against Bhushan for his tweets allegedly criticising Court on appointment of M Nageswara Rao as interim CBI Director. pic.twitter.com/gfGWqVID6B

— ANI (@ANI) March 7, 2019


भूषण ने अपने ट्विट में कहा था कि सरकार ने शायद गढ़ा हुआ कार्यवाही विवरण न्यायालय में पेश किया है। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि भूषण के बयान को देखते हुए वह उनके खिलाफ दायर अपनी अवमानना याचिका वापस लेना चाहेंगे। हालांकि, भूषण ने न्यायालय में एक अर्जी दायर कर न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा से अनुरोध किया कि वह वेणुगोपाल की अवमानना याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग करें। 



न्यायमूर्ति मिश्रा को अवमानना याचिका की सुनवाई से अलग होने का अनुरोध करने के लिए भूषण ने पीठ से बिना शर्त क्षमा याचना करने से भी इंकार कर दिया।  वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि वह अपने पहले के बयान पर कायम हैं कि वह इस मामले में प्रशांत भूषण के लिये कोई सजा नहीं चाहते हैं। पीठ ने हालांकि कहा कि इस व्यापक मुद्दे पर विचार किया जाएगा कि क्या कोई व्यक्ति अदालत के विचाराधीन किसी मामले में जनता की राय को प्रभावित करने के लिए न्यायालय की आलोचना कर सकता है।  पीठ इस मामले में अब तीन अप्रैल को आगे सुनवाई करेगी। 

 

Anil dev

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