कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण से पूछे तीखे सवाल!

Wednesday, Jan 13, 2016 - 01:15 PM (IST)

नई दिल्ली: गैर सरकारी संगठन सेन्टर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशंस की कार्यप्रणाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस संगठन के वकील प्रशांत भूषण से कई तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि हो सकता है कि व्यावसायिक प्रतिद्वन्द्वी अपना हिसाब बराबर करने के लिए गैर सरकारी संगठन का इस्तेमाल कर रहे हों।

ये टिप्पणियां चीफ जस्टिस टी. एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को 4जी लाइसेंस दिए जाने को चुनौती देने वाली सीपीआईएल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की। शीर्ष अदालत ने कहा कि कुछ सालों में सीपीआईएल ने 50 जनहित याचिकायें दायर की हैं परंतु उसका मानना है कि इस संगठन के पास इन सूचनाओं की पुष्टि करने का ऐसा कोई भरोसेमंद तंत्र नहीं है जो जनहित याचिकाएं दायर करने का आधार हो। 

पीठ ने कहा, आपके संगठन को व्यावसायिक प्रतिद्वन्द्वियों के हाथ का खिलौना नहीं बनना चाहिए और ऐसा भी नहीं लगना चाहिए कि आप दोनों की मिलीभगत है। जब हम आपकी याचिका पर विचार करते हैं, आपको छानबीन के लिए भरोसेमंद तंत्र स्थापित करना चाहिए। पीठ ने कहा कि उसका मानना है कि यदि सूचनाओं की छानबीन के लिए कोई तंत्र है और यदि उसे अपने काम के लिये वित्तीय सहयोग मिलता है तो इसमें कोई परेशानी नहीं है। 

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