न्यायालयों का काम जनहित याचिकाओं के माध्यम से सरकार चलाना नहीं: प्रसाद
Wednesday, Aug 01, 2018 - 04:41 PM (IST)
नेशनल डेस्क: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों का काम जनहित याचिकाओं के माध्यम से सरकार चलाना नहीं है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान के. गोपाल और छोटेलाल के पूरक प्रश्नों के उत्तर में प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों का काम जनहित याचिकाओं के माध्यम से सरकार चलाने का नहीं है मैं यह बात स्पष्ट करना चाहता हूं।
सरकार न्यायपालिका की स्वतंत्रता का करती है सम्मान
गोपाल ने प्रश्न किया था कि क्या जनहित याचिकाओं की वजह से उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। कानून मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार चलाने के लिए जनता ने जिन्हें चुना है वो सरकार चलाएंगे और वे इस सदन के प्रति जवाबदेह हैं। कानून बनाने के लिए जनता ने जिन्हें चुना है वो भी इस सदन के प्रति जवाबदेह हैं। इसके साथ मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार न्यायपालिका की स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करती है।
मोदी सरकार ने अनुपयोगी कानूनों को किया समाप्त
रविशंकर ने कहा कि जनहित याचिकाएं गरीबों, मजदूरों के लिए दायर की जाएं तो अच्छी बात है, नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ दायर की जाएं तो अच्छी बात है। अदालतों में लंबित मामलों के संदर्भ में प्रसाद ने कहा कि सरकार का काम अदालतों को आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना है, फैसले करने का काम अदालतों का है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कानून मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में 1400 अनुपयोगी और पुराने कानूनों को समाप्त किया गया है। राज्यों से भी कहा गया है कि वे अनुपयोगी कानूनों को निरस्त करें।