समय पर पजेशन न देना पड़ा महंगा, भरना होगा भारी मुआवज़ा

Tuesday, Nov 22, 2016 - 08:25 PM (IST)

चंडीगढ़, (बृजेन्द्र): शालीमार एस्टेट्स द्वारा एक शिकायतकर्ता से लाखों की रकम लेने के बावजूद कई साल तक रिहायशी प्लाट का पजेशन न देने के मामले में कंज्यूमर फोरम ने इसे शिकायतकर्ता द्वारा जमा करवाए 2,53,816 रुपए 12 प्रतिशत ब्याज सहित चुकाने के आदेश दिए हैं। वहीं शिकायतकर्ता को हुई मानसिक प्रताडऩा को लेकर 50 हजार हर्जाना भरने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा 11 हजार अदालती खर्च के रूप में भी भरने को कहा है। शालीमार एस्टेट्स की तरफ से किसी के पेश न होने पर उसे एक्सपार्टी घोषित करते हुए संबंधित फैसला दिया गया। 

मामले में शिकायतकर्ता अर्बन एस्टेट फेज-1 जालंधर की उर्वशी शर्मा थी। उन्होंने शालीमार एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड, सैक्टर-8 चंडीगढ़ को इसके मैनेजिंग डायरैक्टर्स के जरिए पार्टी बनाया था। शिकायतकर्ता ने प्रतिवादी पक्ष के एक प्रोजैक्ट में नवम्बर 2001 में नग्गल-अलीपुर (पंचकूला) में 8 मरले का प्लाट 17,820 रुपए देकर बुक किया था। जनवरी, 2002 में ड्रा निकला और शिकायतकत्र्ता सफल कैंडीडेट रही। उन्हें 427 नंबर प्लाट अलॉट हुआ। इसके बाद शिकायतकत्र्ता को आगामी रकम चुकाने को कहा गया। मार्च, 2002 में दोनों पाॢटयों में सेल एग्रीमैंट हुआ। शिकायतकर्ता कुल 2,53,816 रुपए जमा करवा चुकी थी। रकम चुकाने के बाद वह पजेशन का इंतजार करती रही और शालीमार आश्वासन देता रहा। जनवरी, 2015 में शिकायतकर्ता ने प्रतिवादी पक्ष के समक्ष मांग रखी कि या तो पोजेशन देें वर्ना रकम वापस करें। प्लाट के पजेशन व रकम रिफंड न होने की सूरत में कंज्यूमर शिकायत दायर की गई थी।

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