नेताओं पर भडक़े पुलिस अधिकारी : पुलिस वाले शहीद होते हैं तो कोई नेता नहीं आता

Tuesday, Jun 20, 2017 - 06:20 PM (IST)

श्रीनगर : कश्मीर में पुलिस अफसरों के एक धड़े ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताते हुए लिखा कि जब उनका कोई साथी आतंकी हमले में शहीद होता है तो राजनेता न तो उन्हें श्रद्धांजलि देने आते हैं और न ही उनके समर्थन में खड़े होते हैं।पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.पी.) के स्टाफ  में तैनात एसपी रैंक के पुलिस अफसर ताहिर अशरफ  ने ट्वीट कर लिखा, जिन लोगों को पुलिस सुरक्षा या मद्द मिली हुई है, वे दुख के वक्त उनके साथ खड़े नहीं होते तो वह कपटी हैं और उनका दिमाग मर चुका है।


अगले ट्वीट में अशरफ  ने लिखा, ठीक है, लेकिन सरकार शहीदों के लिए क्या करने जा रही है। क्यों राज्य सरकार हर पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं देती। हम खुद के लिए लड़ रहे हैं या राज्य के लिए। उनका यह जवाब जम्मू-कश्मीर सरकार के उस ट्वीट को लेकर था, जिसमें कहा गया था कि पुलिसकर्मी आतंकी हमलों में शहीद हुए पुलिस कर्मियों के लिए एक दिन का वेतन देंगे।

पुलिस अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर जताई नराजगी
कश्मीर में तैनात एक पुलिस अफसर ने लिखा, हम राजनेताओं के गंदे युद्ध से लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम ही जमीन पर इन नेताओं के गलत फैसलों का खामियाजा भुगतते हैं। हम इन लोगों के लिए मुश्किल वक्त पर खड़े होते हैं। लेकिन जब बात हमारे लिए लडऩे की आती है, तो सब खत्म हो जाता है। पुलिस कर्मी इस बात से भी खफा हैं कि जब वह घाटी में आतंकी हमलों से निपट रहे होते हैं तो उन्हें राजनेताओं और मीडिया से सेना या पैरामिलिटरी जैसी इज्जत नहीं मिलती।

श्रीनगर में तैनात एक पुलिस कर्मी ने कहा कि अगर एक सैनिक शहीद होता है, तो हमारे राजनेता, यहां तक कि मुख्यमंत्री भी अंतिम विदाई में शरीक नहीं होते।
नई दिल्ली से श्रीनगर तक हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि देते है। न्यूज चैनलों के लिए वे शहीद होते हैं। लेकिन जब हमारा कोई शहीद होता है तो कहीं से कोई शब्द नहीं बोलता। हमारे राजनेता भी दूर-दूर रहते हैं।

एसएचओ फिरोज के घर गई महबूबा
उनकी चिंता पर ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सोमवार को शहीद पुलिस अफसर फिरोज अहमद डार के घर पहुंची थीं, जो शुक्रवार को दक्षिणी कश्मीर के अछाबल में आतंकी मुठभेड़ में अपने 5 साथियों सहित शहीद हो गए थे। रविवार को उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह उनके यहां गए थे।

 

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