अमरनाथ टिकट घोटाले में हैलीकॉप्टर कंपनी को बचाने में जुटी पुलिस!

Friday, Jul 20, 2018 - 10:11 AM (IST)

श्रीनगर/जम्मू(बलराम): श्री अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर बालटाल में हुए हैलीकॉप्टर टिकट घोटाले की जांच कर रही जम्मू-कश्मीर पुलिस की भूमिका पर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं। कश्मीर के बाद अब जम्मू की ट्रैवल एजैंट एसोसिएशनों ने भी इस मामले की जांच का दायरा बढ़ाकर संबंधित हैलीकॉप्टर कंपनी को इसके अंतर्गत लाने की मांग उठाई है, क्योंकि कई पक्षों का आरोप है कि पुलिस के कुछ अधिकारी खुद ही संबंधित कंपनी को बचाने के प्रयास में जुटे हैं व पूरे प्रकरण का ठीकरा गिरफ्तार किए गए आरोपी ट्रैवल एजैंट के सिर फोड़ कर मामले को रफा-दफा करने के प्रयास में हैं। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि फिलहाल पुलिस रिमांड पर चल रहे आरोपी एजैंट सईद सज्जाद मदनी की गिरफ्तारी के समय पुलिस ने संबंधित कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी को भी हिरासत में लिया था लेकिन बाद में किन्हीं अज्ञात कारणों से रिकार्ड में केवल एक ही गिरफ्तारी दिखाई गई।

इस संबंध में जब गंदरबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक फयाज अहमद लोन से संपर्क साधा गया तो उन्होंने बैठक में व्यस्तता का हवाला देकर बाद में बात करने के लिए कहा लेकिन बाद में उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। इसके अलावा मामला दर्ज करने वाले सोनमर्ग के थाना प्रभारी अफाक, पर्यटन पुलिस उपाधीक्षक संदीप कौर और संबंधित हैलीकॉप्टर कंपनी के अधिकारी पहले ही इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर चुके हैं। इसी बीच फैडरेशन ऑफ रजिस्टर्ड ट्रैवल एसोसिएशंस ऑफ जम्मू के चेयरमैन राजेश चंदन ने कहा कि यह घोटाला उनकी फैडरेशन द्वारा श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड को दिए गए सुझावों को न मानने का नतीजा है, क्योंकि टिकट वितरण के लिए ट्रैवल एजैंट नियुक्त करने का कोई मानदंड स्थापित न होने के कारण ही यह गड़बड़ी हुई है, जिससे पर्यटन को नुक्सान होने के अलावा इससे जुड़े कारोबारियों की छवि बेहद खराब हुई है।

उनकी फैडरेशन के पदाधिकारियों ने श्राइन बोर्ड के चेयरमैन एवं राज्यपाल एन.एन. वोहरा से मिलकर उन्हें इन तमाम संभावित गड़बडिय़ों के बारे में बताने का बहुत प्रयास किया, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें राज्यपाल से मिलने ही नहीं दिया। इसके अलावा ट्रैवल एसोसिएशन ऑफ जम्मू (ताज) के अध्यक्ष जितेंद्र कौल का कहना है कि संबंधित कंपनी की मिलीभगत के बिना किसी ट्रैवल एजैंट को अतिरिक्त टिकट मिलना संभव ही नहीं है, इसलिए इस मामले की निष्पक्ष एजैंसी द्वारा विस्तृत जांच करवाई जानी चाहिए।

Seema Sharma

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