जिला पुलिस का नो हेल्मेट नो फयूल का फार्मूला फेल, पुलिस पेट्रोल पंप को लाखों का नुकसान

Tuesday, Mar 05, 2019 - 06:58 PM (IST)

कठुआ  : आखिर सब कुछ लूटा के होश में आए , तो क्या आए..... , यह पंक्तिया जिला पुलिस पर पूरी तरह से स्टीक बैठ रही हैं। जीं, हां पुलिस ने कॉलेज मार्ग-शहीदी चौक पर जिला पुलिस मुख्यालय के पास स्थित पुलिस पेट्रोल पंप पर नो हेल्मेट , नो फयूल का फार्मूला फेल हो चुका है। बिना तैयारी और रणनीति के जिला पुलिस द्वारा शुरू किए गए इस फार्मूले से आम जन मानस मेें जागरूकता भले ही आई हो या न, लेकिन पुलिस को खुद इस फार्मूले से लाखों का नुकसान जरूर झेलना पड़ा है। अब स्थिति यह है कि पुलिस पेट्रोल पंप इस फार्मूले से हटकर घाटा झेलने के बाद फिर से अपने पुराने ढर्रे पर आ गया है। 


दरअसल जिला पुलिस ने आए दिन सडक़ हादसों को देखते हुए नो हेल्मेट नो फयूल का फार्मूला शुरू किया था। जिसका मकसद एक ही था कि जो भी दुपहिये वाहन चालक यहां अपने वाहनों में पेट्रोल भरवाने के लिए आएंगे, अगर उन्होंने हेल्मेट पहन रखा है तो उनके वाहनों में पेट्रोल भरा जाए, अन्यथा पेट्रोल नहीं भरा जाए। एक तरह से यह फार्मूला दुपहिये वाहन चालकों को वाहन चलाते समय हेल्मेट पहनने की आदत डालने का था। पुलिस का यह प्रयास बेहतरीन था लेकिन यह प्रयास जिला मुख्यालय पर सिर्फ पुलिस ने अपने पेट्रोल पंप पर ही शुरू किया। ऐसे में यहां दुपहिये वाहन चालकों को बिना हेल्मेट के पेट्रोल मिलना बंद हो गया। जिससे इन्हीं चालकों ने शहर के अन्य पंपों की ओर रुख कर दिया। सूत्रों की मानें तो पुलिस पेट्रोल पंप में रोजाना की होने वाली सेल में भी काफी हद तक कमी आ गई थी। रोजाना की डेढ लाख रुपये तक की कम सेल हो रही थी।

सूत्रों की मानें तो दो माह इस फार्मूले पर अमल करने के बाद अधिकारियों ने पंप में सेल के को हो रहे घाटे को देखते हुए अपना फार्मूला वापिस ले लिया। इस दौरान अन्य पेट्रोल पंपों की चांदी रही जिनके पास पुलिस पेट्रोल पंप का ग्राहक भी ट्रांसफर हो गया। इसमें सबसे बड़ी बात तो यह है कि अगर पुलिस ने इस फार्मूले को लागू ही करना था तो सबसे पहले आसपास के पेट्रोल पंप मालिकों के साथ बैठक की जानी चाहिए थी। अगर सब पंप संचालक एक साथ इस फार्मूले को लागू करते तो यकीनन लोगों को विशेषकर दुपहिये वाहन चालकों को हेल्मेट पहनने की आदत जरूर पडऩी थी। लेकिन पुलिस ने सिर्फ पुलिस पेट्रोल पंप पर ही इस फार्मूल को लागू किया और अंत में नुकसान उठाने के बाद उन्हें यह फार्मूला वापिस लेना पड़ा। बताया जा रहा है कि पुलिस पंप को हर रोज की सेल में डेढ लाख रुपये तक का घाटा पड़ा है। ऐसे में इसका जिम्मेवार कौन है, यह पुलिस अधिकारी ही बता सकते हैं। 


वहीं, इस संबंध में डी.एस.पी. मुख्यालय निखिल रसगोत्रा का कहना है कि पेट्रोल ंपप की सेल में घाटे वाला कुछ नहीं है बल्कि यह ड्राइव कुछ देर के लिए चलाई गई थी । जिसे फिर से शुरू किया जाएगा। 
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Monika Jamwal

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