कश्मीर में 6 साल में 9 पुलिसकर्मी बने आतंकी

punjabkesari.in Tuesday, May 23, 2017 - 01:22 AM (IST)

श्रीनगर : कश्मीर घाटी में पिछले 6 सालों के दौरान कम से कम 9 पुलिसकर्मी आतंकियों में शामिल हो गए हैं। नवीनतम घटना गत रविवार की है जब पुलिस का एक जवान 4 सरकारी राइफल लेकर फरार हो गया और हिजबुल में शामिल हो गया।


कश्मीर में स्थानीय युवाओं के साथ-साथ पुलिसकर्मियों का आतंकी बनना चिंता का विषय बना हुआ है। आंकड़ें जिस तरफ इशारा करते हैं वो सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चिंता है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 सालों में घाटी में 9 पुलिसकर्मी आतंकी बने हैं। बता दें कि रविवार को फरार हुए बडग़ाम पुलिस के नावीद मुश्ताक के अलावा साल 2016 में रैनावाड़ी पुलिस स्टेशन पर तैनात एक पुलिसकर्मी एके-47 के साथ फरार होकर आतंकी बन गया था। इसके अलावा इसी साल जनवरी माह में भी एक पुलिसकर्मी एके-47 के साथ आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिल गया था।

वर्ष 2015
साल 2015 की बात करें तो रियाज अहमद और गुलाम मुहम्मद नाम के दो पुलिसकर्मी आतंकी गुट के साथ जुड़ गए थे। हालांकि बाद में एक मुठभेड़ के दौरान दोनों मारे गए थे। वर्ष 2015 में ही पुलवामा जिले के राकिब बशीर ने पुलिस सेवा ज्वाइन करने के 1 माह बाद ही हिजबुल मुजाहिद्दीन का दामन थाम लिया था।

वर्ष 2014
वहीं साल 2014 में नसीर अहमद पंडित नाम के पुलिसकर्मी ने भी हिजबुल का साथ थामा लेकिन एक मुठभेड़ के दौरान वो भी मारा जा चुका है।


वर्ष 2012
साल 2012 में भी एक पुलिसकर्मी को आतंकी गुटों के साथ संपर्क रखने पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

पुलिस भी चिंतत
पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के आतंकी गुटों में जाने का कारण है कि इससे आतंकियों को हथियार भी मिलते हैं और साथ ही उनके आंदोलन को काफी उत्साह मिलता है, जिसकी मदद से वह युवाओं को बरगलाने में कामयाब हो जाते हैं। हालांकि अब पुलिस ने कई आतंकी मॉडयूल को घाटी से खत्म कर दिया है, लेकिन अभी भी कुछ मॉड्यूल सक्रिय हैं, जिनसे नौजवानों की भर्ती की जा रही है।

 


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