RTI में खुलासा, चालान के समय आपके मोबाइल को हाथ नहीं लगा सकती पुलिस

Monday, Sep 09, 2019 - 12:35 PM (IST)

नई दिल्लीः मोटर व्हीकल एक्ट (Motor vehicle Act) लागू होने के बाद से चालान की राशि में भारी भरकम बढ़ोतरी हुई है। नई दरों के आधार पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों से पुलिस भारी राशि वसूल रही है। इस दौरान दुर्व्यवहार की खबरें और वीडियो भी आ रहे हैं। ऐसे में यहां यह जानना जरूरी है कि आपके भी कुछ अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल करने से आपको कोई नहीं रोक सकता।

तो आइए आपको बताते हैं कि RTI के जवाब में पुलिस ने आपके अधिकारों को लेकर क्या जानकरी दी है

  • कोई भी गाड़ी चलाने वाला पुलिसकर्मी के साथ बातचीत के दौरान कैमरा इस्तेमाल कर सकता है, इस पर कोई पाबंदी नहीं है।
  • पुलिसकर्मी को फोन और कैमरा आदि छीनने और तोड़ने का अधिकार नहीं है।
  • वाहन चलाते समय अगर किसी चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस (Driving licence) और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) आदि नहीं है तो चालक मोबाइल पर पुलिसकर्मी को कागजात दिखा सकता है।
  • वाहन चलाते समय गाड़ी में हॉकी, क्रिकेट बैट, विकेट आदि सामान रखने पर पाबंदी नहीं है. लेकिन अवैध हथियार रखना दंडनीय अपराध है।
  • वाहन चलाते समय चालक व चालक के साथ बराबर में बैठे व्यक्ति के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है लेकिन अगर कोई महिला गर्भवती है या चोट आदि है तो मानवता के आधार पर सीट बेल्ट से छूट मिल सकती है।
  • अगर कोई व्यक्ति पुलिस थाने में किसी काम के लिए जाता है तो अपने वाहन को थाने में निर्धारित जगह पर खड़ा कर सकता है।
  • आरटीआई के मुताबिक कानून में स्पष्ट नहीं है कि डॉक्टर, वकील या प्रेस का लोगो लगाना गलत है लेकिन यदि अगर कोई व्यक्ति अपने निजी वाहन पर भारत सरकार या राज्य सरकार का लोगो लगाता है तो उसके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
  • पुलिसकर्मी हाथ से इशारा करके वाहन रुकवा सकता है, चेक कर सकता है लेकिन अगर कोई चालक पुलिसकर्मी द्वारा दिए गए इशारे पर अपना वाहन नहीं रोकता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई का अधिकार है, लेकिन पुलिसकर्मी किसी व्यक्ति को न तो गाली दे सकता है और न मारपीट कर सकता है।
  • पुलिसकर्मी को वाहन के प्रदूषण स्तर का सर्टिफिकेट चेक करने का अधिकार है।
  • अगर कोई वाहन चालक अपने निजी वाहन में कमर्शियल उद्देश्य से कोई सामान ले जाता है तो पुलिसकर्मी को उसका बिल चेक करने का अधिकार है।

उल्लेखनीय है कि फरीदाबाद निवासी RTI एक्टिविस्ट अनुभव सुखीजा ने वाहन चालकों के अधिकार को लेकर हरियाणा पुलिस में एक आरटीआई डाली थी जिसके जवाब में पुलिस ने यह जानकारी दी।

Seema Sharma

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