विदेशी हस्तक्षेप आरोपों पर कनाडा सरकार से भिड़े विपक्षी नेता, पोलिवरे ने कहा- ट्रूडो "एक नंबर के झूठे"
punjabkesari.in Thursday, Oct 17, 2024 - 01:51 PM (IST)
International Desk: कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों को लेकर जस्टिन ट्रूडो और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलिवरे आमने सामने आ गए हैं। इस मुद्दे में के बीच तीखी बहस को जन्म दिया है। पोलिवरे ने ट्रूडो पर यह आरोप लगाया है कि वे जानबूझकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। पोलिवरे ने कहा कि ट्रूडो "एक नंबर के झूठे" हैं और वे विदेशी हस्तक्षेप के मुद्दे को लेकर सच्चाई को छुपा रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रूडो का यह रवैया कनाडाई लोकतंत्र के लिए खतरा है। पोलिवरे ने यह भी कहा कि ट्रूडो को नामों का खुलासा करना चाहिए ताकि जनता जान सके कि किस सांसद पर विदेशी हस्तक्षेप का आरोप हैप्रतिक्रिया**: ट्रूडो ने पोलिवरे के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार हमेशा विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ खड़ी रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी भी सांसद की सुरक्षा को गंभीरता से लिया गया है और उनकी सरकार इस मामले को गंभीरता से देख रही है ।
रिपोर्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया समिति (NSICOP) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि कुछ सांसद विदेशी शक्तियों के साथ काम कर रहे हैं। इस रिपोर्ट के कारण पोलिवरे ने ट्रूडो पर और भी अधिक दबाव डालना शुरू कर दिया है । यह विवाद माहौल को और गर्म कर रहा है। पोलिवरे अपनी पार्टी के लिए राजनीतिक समर्थन प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि ट्रूडो की सरकार विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों का सामना कर रही है। कनाडा के कंजर्वेटिव नेता पियरे पोलिवरे ने हाल ही में लिबरल सरकार से मांग की है कि उन सांसदों के नाम सार्वजनिक किए जाएं, जिन पर विदेशी सरकारों के लिए काम करने का आरोप है। यह मांग तब की गई जब नेशनल सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस कमेटी ऑफ पार्लियामेंटेरियन्स (NSICOP) ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कुछ सांसदों के विदेशी सरकारों जैसे कि चीन और भारत के लिए काम करने की बात कही गई है। NSICOP की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ सांसदों ने जानबूझकर विदेशी शक्तियों की मदद की है। पोलिवरे ने संसद में कहा, "कनाडाई नागरिकों का अधिकार है कि उन्हें पता चले कि ये सांसद कौन हैं।"
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने जवाब दिया कि सांसदों के नाम उजागर करना अनुचित होगा। उन्होंने पोलिवरे को सुझाव दिया कि वह सुरक्षा क्लियरेंस प्राप्त करें ताकि वह रिपोर्ट में उल्लेखित गोपनीय जानकारी देख सकें। NSICOP के अध्यक्ष डेविड मैकगिंटी ने कहा कि वे और उनके सहकर्मी गोपनीयता की शपथ ले चुके हैं और इसलिए वे नाम नहीं बता सकते। उन्होंने कहा कि यह RCMP पर निर्भर करता है कि वे क्या कदम उठाते हैं। RCMP ने कहा है कि वे विदेशी हस्तक्षेप के मामलों की जांच कर रहे हैं, लेकिन सांसदों के खिलाफ किसी विशेष जांच की पुष्टि नहीं की। उन्होंने यह भी बताया कि सूचना की सुरक्षा को लेकर चुनौतियाँ हैं, जो उनकी जांचों को प्रभावित कर रही हैं। यह मुद्दा कनाडा की राजनीति में गर्म बहस का कारण बन गया है, क्योंकि नागरिक यह जानने के इच्छुक हैं कि उनके प्रतिनिधियों पर विदेशी शक्तियों के लिए काम करने का आरोप है या नहीं। मैकगिंटी ने कहा कि अगर किसी सांसद पर आरोप लगते हैं, तो यह RCMP की जिम्मेदारी होगी कि वे इसकी जांच करें। हालांकि, जांच की प्रक्रिया में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब बात संवेदनशील जानकारी की हो।
ट्रूडो और पोलिवरे के बीच विवाद के मुख्य बिंदु
ट्रूडो का बयान: ट्रूडो ने कहा है कि उनके पास कई कंजर्वेटिव सांसदों, पूर्व सांसदों और उम्मीदवारों के नाम हैं, जो विदेशी हस्तक्षेप में शामिल हैं या इसके प्रति संवेदनशील हैं। उन्होंने सीएसआईएस को निर्देश दिया है कि वे पोलिवरे को इस मामले में चेतावनी दें। ट्रूडो ने यह भी कहा कि पोलिवरे ने सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया है, जिसके जरिए वह अधिक जानकारी हासिल कर सकते थे। पोलिवरे ने इस निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि यह उन्हें गोपनीय ब्रीफिंग की जानकारी साझा करने से रोक देगा।
पोलिवरे का जवाब: पोलिवरे ने ट्रूडो से उन नामों को सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने ट्रूडो पर यह आरोप लगाया कि वे झूठ बोल रहे हैं और जनता को सच्चाई से दूर रख रहे हैं। पोलिवरे ने कहा कि अगर ट्रूडो के पास इस बारे में सबूत हैं, तो उन्हें इसे जनता के साथ साझा करना चाहिए। इस मामले में संसद में तब बहस तेज हो गई जब ट्रूडो ने कहा कि पार्टी के नेता के पास अपने सदस्यों के नामांकन पर निर्णय लेने का अधिकार है, विशेषकर जब किसी सदस्य पर विदेशी हस्तक्षेप का संदेह हो। पोलिवरे ने ट्रूडो पर आरोप लगाया कि वह जनता को झूठ बोलकर गुमराह कर रहे हैं। पोलिवरे का कहना है कि अगर ट्रूडो के पास सबूत हैं, तो उन्हें इसे लोगों के सामने लाना चाहिए।