प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के लिए 6520 करोड़ रुपये मंजूर, खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता पर बड़ा फोकस

punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 05:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के लिए 1920 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय सहित कुल 6520 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई। यह योजना 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के अंतर्गत क्रियान्वित की जा रही है।

सरकार के अनुसार, इस अतिरिक्त बजट का उपयोग खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के सशक्तिकरण और गुणवत्ता नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। 1920 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि से देशभर में 50 नई बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयां और 100 नई NABL मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं (फूड टेस्टिंग लैब) स्थापित की जाएंगी। साथ ही 920 करोड़ रुपये योजना के विभिन्न उपघटक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए खर्च किए जाएंगे।

दो बड़े लाभ जो इस मंजूरी से मिलेंगे
भोजन की लंबी अवधि तक सुरक्षा:
विकिरण इकाइयों के जरिए खाने-पीने की वस्तुओं को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। सरकार का अनुमान है कि इससे प्रत्येक वर्ष 20 से 30 लाख टन खाद्य सामग्री को नष्ट होने से बचाया जा सकेगा।

खाद्य गुणवत्ता में सुधार:
100 नई फूड टेस्टिंग लैब्स से खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच तेज़, वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीक से होगी। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर और सुरक्षित खाद्य उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे।

ICCVAI और FSQAI जैसे मांग-आधारित घटक कार्यक्रमों के तहत पात्र संस्थाओं से प्रस्ताव मंगाने के लिए अभिरुचि पत्र (EOI) जारी किए जाएंगे। इन प्रस्तावों की जांच योजना दिशा-निर्देशों और पात्रता मानदंडों के अनुसार की जाएगी।

क्या है प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना?
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) एक समग्र केंद्रीय क्षेत्र योजना है, जिसका उद्देश्य ‘खेत से बाजार’ तक एक आधुनिक, कुशल और टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा, ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार सृजन, कृषि उपज की बर्बादी में कमी, और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के प्रभाव से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने में मदद मिलेगी, साथ ही किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।


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Content Editor

Shubham Anand

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