ऑफ द रिकॉर्डः PM मोदी ने पीयूष गोयल से की ‘सीधी बात’

Sunday, Feb 03, 2019 - 08:52 AM (IST)

नेशनल डेस्कः 19 जनवरी को वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों की एक टीम न्यूयार्क के अस्पताल में भर्ती अरुण जेतली के साथ बजट प्रस्तावों को अंतिम रूप देने के बाद अमरीका से वापस लौटी थी। जेतली ने अपने बजट अभिभाषण का प्रारूप भी तैयार कर लिया था जो उनके जूनियर मंत्री शिव प्रसाद शुक्ला द्वारा सदन में पढ़ा जाना था। सब कुछ ताले में बंद कर सील लगा दी गई और आराम कर रहे जेतली को 21 जनवरी को सर्जरी करवानी थी। 20 जनवरी की आधी रात को प्रधानमंत्री मोदी ने फैसला किया कि पीयूष गोयल वित्त मंत्री जेतली की गैर हाजिरी में वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे।

वास्तव में प्रधानमंत्री ने 20 जनवरी को जेतली को टैलीफोन कर उन पर यह प्रभाव डाला कि सब कुछ ठीकठाक होगा और वह निश्चित होकर और बिना किसी दबाव के सर्जरी करवाएं। अब चर्चा यह है कि जेतली द्वारा बजट प्रस्तावों को दिए गए अंतिम रूप के बाद उनमें बड़े पैमाने पर फेरबदल किया गया और पी.एम.ओ. ने कुछ प्रस्तावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जेतली इस बात को लेकर दृढ़ थे कि वित्त घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। मगर गोयल ने यह व्यवस्था दी कि अगर यह लक्ष्य 3.4 प्रतिशत तक पहुंच भी जाता है तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा।

वास्तव में मोदी ने बजट की तैयारियों के बीच अपनी मुलाकातों में से एक के दौरान गोयल को बता दिया था कि आप चुनावों के बारे में ङ्क्षचता कम करें और इस बात पर काम करें कि क्या अच्छा है। इस दिशा में क्या किया जाए और क्या किया जाना चाहिए। इसका सीधा अर्थ है कि चुनाव जीतना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है जबकि मंत्रालयों में प्रशासन चलाना मंत्रियों का काम है जो गोयल को दिया गया है। वह अच्छे प्रस्ताव लाएं और उन पर फैसला लेना प्रधानमंत्री पर छोड़ दें। मालूम हुआ है कि गोयल हर रोज जेतली से बात करते थे। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने फोन पर 2 बार जेतली से बात की जबकि अमित शाह दिन में एक बार बात करते थे। जेतली को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब वह न्यूयार्क के एक फ्लैट में रह रहे हैं। सर्जरी के जख्मों के ठीक होने के बाद अगले एक सप्ताह में वह ठीक हो जाएंगे और संसद के अधिवेशन की समाप्ति से पूर्व वापस लौट आएंगे।

Seema Sharma

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