ऑफ द रिकॉर्डः PM की किसान योजना एक सिरदर्द

Monday, Feb 11, 2019 - 08:22 AM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस बात को यकीनी बनाना एक बड़ी चुनौती है कि देशभर के 12.56 करोड़ छोटे और मध्यम श्रेणी के किसानों में से प्रत्येक को 31 मार्च, 2019 से पूर्व 2000 रुपए मिलें। इन 12.56 करोड़ किसानों में से हरियाणा में ऐसे 11.17 लाख किसान हैं जिन्हें इसका लाभ होगा। पंजाब में 3.61 लाख, हिमाचल में 8.85 लाख और जम्मू-कश्मीर में 13.47 लाख ऐसे किसान हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय को उपलब्ध आंकड़ों में कहा गया कि हिमाचल प्रदेश में किसानों के भूमि रिकार्ड का 86 प्रतिशत कम्प्यूटरीकरण हो चुका है और सभी किसानों के खातों को बैंकों और आधार कार्ड के साथ जोड़ा जा चुका है। इसका अर्थ यह है कि हिमाचल प्रदेश में अधिकांश किसानों को इस योजना का बड़ा लाभ होगा और उनके बैंक खातों में नकदी सीधी स्थानांतरित हो जाएगी।

यह हैरानगी की बात है कि पंजाब और हरियाणा जैसे खुशहाल राज्यों में भूमि रिकार्ड का कम्प्यूटरीकरण 93 प्रतिशत हो चुका है मगर इनमें से किसी भी राज्य के किसानों का रिकार्ड बैंकों से नहीं जोड़ा गया जिसका स्पष्ट अर्थ है कि किसानों के भूमि रिकार्ड का तो कम्प्यूटरीकरण है मगर राज्य सरकार के पास उनके बैंक खातों का ब्यौरा नहीं। दूसरा कारण यह है कि पंजाब में छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों की संख्या बहुत कम 3.61 लाख है। जम्मू और कश्मीर के आंकड़े हैरान करने वाले हैं जहां इनकी संख्या 13.47 लाख है जिससे स्पष्ट होता है कि राज्य में किसानों को पी.एम. किसान योजना से अधिक लाभ होगा।

रोचक बात यह है कि तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और पश्चिम बंगाल ही देश में ऐसे राज्य हैं जहां भूमि रिकार्ड पूरा है और वहां के किसानों के खातों को बैंकों से भी जोड़ा गया है। ओडिशा में भी कम्प्यूटर के जरिए भूमि रिकार्ड का आंकड़ा पूरा कर लिया गया है मगर उनके बैंक खातों को नहीं जोड़ा गया। अब प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि सरकारें अपने-अपने राज्य के किसानों के खातों को बैंकों के साथ जोड़ने का कार्य पूरा करें ताकि धनराशि उनके बैंक खातों में सीधे स्थानांतरित हो सके।

Seema Sharma

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