अफगानिस्तान में सलमा डैम का उद्घाटन करेंगे PM मोदी, ओबामा के साथ करेंगे 4 और देशों का दौरा

Monday, May 30, 2016 - 12:22 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार जून को पांच देशों की यात्रा की शुरुआत अफगानिस्तान से करेंगे जहां वह भारत निर्मित सलमा बांध का उद्घाटन करेंगे। मोदी चार जून को अफगानिस्तान, कतर, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मैक्सिको- पांच देशों की यात्रा पर रवाना होंगे। वापसी में उनका जर्मनी में गैर आधिकारिक पड़ाव होने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मोदी की यात्रा अफगानिस्तान से आरंभ होगी जहां वह हेरात प्रांत जाएंगे और भारत द्वारा 30 करोड़ डॉलर यानी लगभग 1457 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित सलमा बांध का उद्घाटन करेंगे। हेरात प्रांत में चिश्ती शरीफ के समीप हरिरुद नदी पर इस बांध को बनाने का निर्णय जनवरी 2006 में लिया गया था और उसी साल निर्माण शुरू हुआ था।

भारत ने बनवाया है सलमा बांध
इस बांध का निर्माण केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के उपक्रम वाप्कोस ने किया है। यह 107 मीटर ऊंचा, 550 मीटर लंबा और 500 मीटर चौड़ा बांध, भूटान को छोड़ कर, विदेशी धरती पर भारत द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा बांध है। बांध का निर्माण कार्य एक साल पहले पूरा हो चुका है और पिछले साल जुलाई में बांध के फाटक बंद कर दिए गए लेकिन नदी में जल प्रवाह बहुत कम होने के कारण करीब 20 किलोमीटर लंबे और 3.7 किलोमीटर चौड़े इस जलाशय को भरने में एक साल लग गया। इस पर 42 मेगावाट क्षमता की जलविद्युत परियोजना भी बनाई गई है। इससे करीब 80 हजार हेक्टेयर खेतों में सिंचाई भी हो सकेगी। मोदी ने पिछले वर्ष अफगानिस्तान के संसद भवन की नई इमारत का उद्घाटन किया था। अफगानिस्तान के संसद भवन की इमारत भी भारत ने बनाई है।

पीएम मोदी ने किए हैं चाबहार बंदरगाह पर हस्ताक्षर
मोदी की अफगानिस्तान यात्रा ऐसे समय हो रही है जब उन्होंने इसी माह ईरान की राजधानी तेहरान में चाबहार बंदरगाह की महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़े भारत-अफगानिस्तान-ईरान त्रिपक्षीय परिवहन एवं पारगमन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे चारों ओर जमीन से घिरे अफगानिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय कारोबार का समुद्री मार्ग सुलभ हो सकेगा।

ओबामा के साथ पहले स्विट्जरलैंड जाएंगे मोदी
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ सात जून को मेज पर बैठने से पहले मोदी कतर और स्विट्जरलैंड भी जाएंगे और द्विपक्षीय रिश्तों की बेल में पानी डालेेंगे। मोदी की कतर यात्रा से पहले वर्ष 2008 में डॉ. मनमोहन सिंह दोहा गए थे। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम हमद अल थानी आपसी हितों से जुड़े द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारत के कतर के साथ ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं।

कतर भारत का एक अहम कारोबारी साझेदार
खाड़ी में कतर भारत का एक अहम कारोबारी साझेदार है। वर्ष 2014-15 में हमारा द्विपक्षीय व्यापार 15 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। कतर से भारत कच्चे तेल के साथ ही अपनी जरूरत की 65 प्रतिशत द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात करता है। कतर में करीब छह लाख 30 हजार भारतीय रहते हैं जो वहां के विकास में सकारात्मक योगदान कर रहे हैं।

बता दें कि स्विट्जरलैंड के संक्षिप्त प्रवास के दौरान मोदी वहां के नेतृत्व के साथ काले धन का मसला उठाएंगे। वहां से मोदी सीधे वाशिंगटन के लिए उड़ान भरेंगे। वह दो साल के भीतर चौथी बार अमेरिका जाएंगे, पर यह उनकी अमेरिका की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार भारत अमेरिका द्विपक्षीय सामरिक साझेदारी पिछले दो साल के दौरान मोदी एवं ओबामा के नेतृत्व में बहुत मकाबूत हुई है।

मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण, रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा करना और भविष्य के लिये उसे और मकाबूत करना भी है।   प्रधानमंत्री को अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष पॉल रेयान ने अमेरिकी संसद के एक संयुक्त सत्र को संबोधित करने का निमंत्रण दिया था जिसे मोदी ने स्वीकार कर लिया है। वह 2016 में ऐसे पहले विदेशी नेता होंगे जिन्हें अमेरिकी संसद को संबोधित करने का अवसर मिल रहा है। मोदी इस यात्रा में अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के सीईओ से भी मुलाकात करेंगे जिसका उद्देश्य विदेशी निवेश के प्रवाह में वृद्धि होगा।

Advertising