..मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो: मोदी

Wednesday, Mar 09, 2016 - 06:15 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कई बार विपक्ष पर निशाना साधा और अंत में निदा फाजली की एक गजल से अपने विरोधियों पर चुटकी ली। मोदी ने करीब एक घंटे के अपने भाषण का समापन करते हुए निदा फाजली की यह गजल पढ़ी- 

सफर में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो 
सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो 
किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं 
तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो
यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम संभल सको तो चलो
यही है जिंदगी, कुछ ख्वाब चंद उम्मीदें 
इन्ही खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो

मोदी इस गजल का हर शेर पढऩे के बाद बीच-बीच में रुक जाते थे और अपनी भाव भंगिमा से विपक्ष पर चुटकी भी लेते थे। इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों ने थपथपाकर उनका समर्थन किया।  

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