जवानों के बीच मोदी बोले- समझने-समझाने में यकीन रखता है भारत, आजमाया तो जवाब भी प्रचंड देता है

Saturday, Nov 14, 2020 - 01:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिवाली पर जवानों के साथ समय बिताने के अपने अभियान को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राजस्थान की लौंगेवाला चौकी पर जवानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अगर भारत को आजमाया गया तो प्रचंड जवाब मिलेगा। चीन पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए मोदी ने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान हैं। विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है और 18वीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है।

 

उन्होंने कहा, भारत दूसरों को समझने और उनके साथ आपसी समझ बनाने की नीति में विश्वास करता है लेकिन अगर उसे आजमाने की कोशिश की जाती है, तो इसका प्रचंड जवाब दिया जायेगा। उनका यह संदेश लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच आया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की सीमा की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया है कि उसे चुनौती देने वालों को करारा जवाब देने के लिए उसमें ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति है। उन्होंने कहा, आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है।

 

मोदी ने जवानों से कहा, च्च्जितना अधिक समय मैं आपके साथ बिताता हूं, देश की सेवा और रक्षा करने का मेरा संकल्प उतना मजबूत होता है। उन्होंने जवानों से कहा, आज के दिन मैं आपसे तीन आग्रह करना चाहता हूं। पहला कुछ न कुछ नवीन (इनोवेट) करने की आदत को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइए। दूसरा योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए। तीसरा अपनी मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, कम से कम एक भाषा जरूर सीखिए। आप देखिएगा, ये बातें आपमें एक नयी ऊर्जा का संचार करेंगी। इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के पराक्रम को सलाम किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध थल सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच अनुकरणीय समन्वय का उदाहरण था।

मोदी ने कहा कि जब भी जरूरत पड़ी है भारत ने दुनिया को दिखाया है कि उसके पास ताकत भी है और सही जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है। आज भारत आतंक के आकाओं को घर में घुसकर मारता है, आज दुनिया ये समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है। 



प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले साल 2018 में उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा के पास बर्फीली घाटी में सेना और आईटीबीपी कर्मियों के साथ त्योहार मनाया था। साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने जवानों के साथ सियाचिन में दिवाली मनाई थी। साल 2015 में उन्होंने दिवाली के अवसर पर पंजाब सीमा का दौरा किया था। संयोग से उनका दौरा 1965 के भारत-पाक युद्ध के 50 साल होने पर हुआ था। साल 2016 में मोदी हिमाचल प्रदेश गए थे, जहां उन्होंने अग्रिम चौकी पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस कर्मियों के साथ समय गुजारे थे। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 में जम्मू कश्मीर के गुरेज में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई थी।

Anil dev

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