15 फरवरी को वंदे भारत एक्सप्रेस को पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी
punjabkesari.in Monday, Feb 11, 2019 - 07:14 PM (IST)
नई दिल्लीः रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को घोषणा की कि बहुप्रतीक्षित सेमीहाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ अपनी पहली यात्रा पर 15 फरवरी को नयी दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना होगी। गोयल ने यहां ट्विटर पर कहा, ‘‘बहुप्रतीक्षित वंदे भारत एक्सप्रेस 15 फरवरी को अपनी पहली यात्रा के लिए तैयार है। सभी लोगों का नयी दिल्ली से वाराणसी के बीच इस गाड़ी की उद्घाटन कार्यक्रम में स्वागत है।’’
The much awaited Vande Bharat Express is all set for its maiden journey on 15th Feb. All are welcome to witness its speed and record its inaugural run between New Delhi and Varanasi. pic.twitter.com/8KeAeRJ4fp
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 11, 2019
आधिकारिक सूत्रों ने यहां इस बात की पुष्टि की कि वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 फरवरी को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। हालांकि रेलवे ने अभी तक किराये की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि गाड़ी का किराया गतिमान एक्सप्रेस के समान होगा और यह फ्लैक्सी किराया के अंतर्गत नहीं आयेगा। करीब सौ करोड़ रुपए की लागत से मेक इन इंडिया के तहत निर्मित सोलह कोचों की इस गाड़ी में कुल 1128 लोगों के बैठने की जगह होगी। यह गाड़ी नयी दिल्ली से सुबह छह बजे रवाना होकर वाराणसी दोपहर दो बजे पहुंचेगी और वापसी में तीन बजे रवाना होकर रात 11 बजे नयी दिल्ली लौटेगी। रास्ते में यह ट्रेन कानपुर एवं इलाहाबाद जंक्शन पर ठहरेगी। इस गाड़ी में किराये में खानपान का शुल्क शामिल रहेगा। इलाहाबाद -वाराणसी खंड के यात्रियों को छोड़ कर किसी को भी खानपान छोडऩे का विकल्प नहीं दिया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी इस ट्रेन को 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलाया जाएगा और बाद में ट्रैक की गति के बढ़ाये जाने पर इसे 160 किलोमीटर की गति से चलाया जाएगा। तब नयी दिल्ली से वाराणसी से यात्रा की अवधि और कम हो जाएगी। रेल मंत्री के अनुसार विश्वस्तरीय ट्रेन-18 के परिचालन की शुरूआत के साथ ही भारतीय रेलवे में एक नये युग का सूत्रपात होगा। सरकार ने ट्रेन-18 के 30 रैक तैयार करने का ऑर्डर चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी को दिया है और मार्च 2020 तक सभी 30 रैक पटरियों पर उतर आने की उमीद है जिन्हें देश के अलग अलग भागों में चलाया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन का उत्पादन बढऩे से लागत में भी खासी कमी आएगी। ऑटोमैटिक दरवाजों, आधुनिक ब्रेकिंग सिस्टम, एयर सस्पेंशन एवं इन्फोटेनमेंट, पहले एवं अंतिम कोच में दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से बैठने एवं शौचालयों की व्यवस्था और सुरक्षा प्रणाली से युक्त इस रेलगाड़ी को निर्यात भी किया जाएगा। ट्रेन को मुख्य संरक्षा आयुक्त का प्रमाणन 25 जनवरी को मिल गया था। इसकी जानकारी गोयल ने 27 जनवरी को देते हुए ट्रेन-18 को वंदे भारत एक्सप्रेस नाम दिये जाने की भी घोषणा की थी।
रेल मंत्री ने इस ट्रेन को भारत की एक वंदनीय उपलब्धि बताते हुए कहा था कि देश के 125 करोड़ लोगों की शान बढ़ाने वाली विश्व स्तरीय ट्रेन कुल 18 माह में भीतर डिजायन तैयार करने से लेकर उपकरण जुटाना एवं पूरी तरह से तैयार करना एक विश्व रिकॉर्ड है और वास्तव में देश की वंदनीय उपलब्धि है। हमने सोचा कि देश की इस उपलब्धि को एक विशेष पहचान दी जाये और इसीलिये इस ट्रेन को एक प्रतियोगिता के माध्यम से आये बहुत से नामों में से एक विशेष नाम ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ का नाम चुना है।