'मन की बात' में मोदी ने किया नारी शक्ति को सलाम, बोले-एक बेटी 10 बेटों के बराबर

Sunday, Jan 28, 2018 - 05:56 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक एकता, सद्भाव, बदलाव और विकास में महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति को पुरातन समय से ही स्वीकार किया गया है और एक बेटी को दस बेटों के बराबर बताया गया है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में आकाशवाणी पर अपने पहले रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देश को संबोधित करते हुए सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का उल्लेख किया और कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति ने पुरातन समय से ही अग्रणी भूमिका निभायी है। ‘मन की बात’ का यह 40 वां संस्करण था।

पद्म पुरस्कारों से सम्मानित महिलाओं का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि ये महिलाएं लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित कर रही है जो मौन रहकर सामाजिक बदलाव में जुटे हुए हैं। ऐसे लोग आम आदमी का जीवन आसान बनाने में लगे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक कल्पना चावला का जिक्र करते हुए कहा कि वह विश्व और भारत में करोड़ों लोगों की प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। उन्होंने छतीसगढ़ में माओवाद प्रभावित दंतेवाडा की एक महिला का उल्लेख किया जो इस क्षेत्र में ई. रिक्शा चलाती है। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है और  इलाके में बदलाव आया है।


रेडियो पर जनता से ‘मन की बात’ कहने वाले पहले नेता नहीं मोदी
रेडियो पर हर महीने जनता के सामने अपने ‘मन की बात’ कहने वाले दुनिया के पहले नेता नहीं हैं बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति कॉल्विन कूलिज ने 1925 से हर महीने जनता से रेडियो से संवाद स्थापित करने का सिलसिला शुरू किया। मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर संपादित पुस्तक की भूमिका में केन्द्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष एवं प्रेमचंद साहित्य के विशेषज्ञ डॉ कमल किशोर गोयनका ने लिखा है कि अमेरिका में पहली बार किसी राजनेता ने रेडियो से अपना भाषण प्रसारित किया था। राष्ट्रपति वारेन हार्डिंग ने फरवरी 1922 में रेडियो स्थापित किया और जून 1922 में पहली बार रेडियो से अपना भाषण प्रसारित किया।

इसके बाद कूलिज ने 1924 में रेडियो का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया। वह जब राष्ट्रपति बने तो उस समारोह का विवरण रेडियो से प्रसारित किया गया। उसके बाद वह अपने कार्यकाल में हर माह कम से कम एक बार देशवासियों को रेडियो से संबोधित करते रहे जिसके कारण जनता के साथ उनका संबंध एवं आकर्षण बना रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने 1933 से 1944 के बीच 30 बार रेडियो से देशवासियों को संबोधित किया।

1927 को मुंबई में पहला रेडियो स्टेशन स्थापित हुआ
गोयनका ने पुस्तक में लिखा है कि भारत में 23 जुलाई 1927 को मुंबई में पहला रेडियो स्टेशन स्थापित हुआ था। आठ जून 1936 को इसका नाम ऑल इंडिया रेडियो रखा गया और पांच तथा सात मार्च 1936 को प्रेमचंद ने दो कहानियों का पाठ किया।जिसका पारिश्रमिक उन्हें 80 रुपए मिला। मोदी ने रेडियो की ताकत को देखते हुए तीन अक्तूबर 2014 से रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए अपने मन की बात कहना शुरू किया।

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