जहां गए मोदी, वहां से वापिस आने पर चुकानी पड़ती है भारी कीमत!

Monday, May 15, 2017 - 04:00 PM (IST)

भोपालः मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने के लिए चल रही नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के समापन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरकंटक में नर्मदा सेवा की कार्य योजना जारी की। पीएम की यात्रा के साथ ही अटकलें थीं कि मोदी सीधे हेलीकाप्टर से अमरकंटक जाएंगे या सड़क मार्ग से। दरअसल अमरकंटक का अपना ही एक राजनीतिक इतिहास रहा है।


दरअसल एक मिथ्या है कि कोई भी, मुख्यमंत्री, नेता या मंत्री आदि सीधे अमरकंटक के क्षेत्र में आसमान में उड़ान नहीं भरते। माना जाता है कि जिसने भी मां नर्मदा को लांघा है, उसे अपनी सत्ता गंवानी पढ़ी है। इसका सबस् बड़ा उदाहरण, तात्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के अलावा एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, मोतीलाल बोरा, उमा भारती, सुंदरलाल पटवा, श्यामाचरण शुक्ल, केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत हैं। हालांकि पीएम मोदी के लिए डिंडोरी जिले में अमरकंटक से 8 किमी की दूरी पर हेलीपेड बनाया गया है। ये हेलीपेड खुरखुरी दादर में तैयार हुआ।

कब किसने गंवाई कुर्सी
-इंदिरा गांधी 1982 में हैलीकाप्टर से अमरकंटक आई थीं। उसके बाद उनकी 1984 में हत्या हो गई।

-पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत, राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमरकंटक हेलीकाप्टर से आए लेकिन उसके बाद उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी।

-एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा बाबरी मस्जिद ध्वंस से पहले हेलीकाप्टर से अमरकंटक आए थे लेकिन उसके बाद उन्हें भी कुर्सी गंवानी पड़ी।

-एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए हेलीकाप्टर से अमरकंटक आए थे लेकिन उसके कुछ समय बाद वे कांग्रेस से अलग हो गए और अपनी अलग पार्टी बनाई।

-मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सीएम रहते हुए 2004 में हेलीकाप्टर से आई थीं। उसके बाद इन्हें भी कुर्सी गंवानी पड़ी। इसके बाद जब भी उमा अमरकंटक गईं तो सड़क मार्ग से। आखिरी बार उनका ही हेलीकॉप्टर यहां उतरा थे, इसके बाद तीनों हेलीपेड का इस्तेमाल बंद हो गया।

सभी प्रमुख नदियां बंगाल की खाड़ी में मिलती हैं, लेकिन नर्मदा ही सिर्फ अरब सागर में मिलती है। मान्यता है कि नर्मदा की सोनभद्र नदी से शादी होने वाली थी लेकिन उसके धोखे से आहत होकर नर्मदा उलटी दिशा में चल पड़ी थी। तब से यह अरब सागर में जाकर मिलती है

 

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