पीएम मोदी बोले-देश के किसान को इतने अधिकार मिल रहे, तो कृषि कानून में गलत क्या है

Friday, Dec 25, 2020 - 02:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के करोड़ों किसानों से संवाद किया और उनके सवालों के जवाब भी दिए। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि पंजाब के किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले दलों को बंगाल और केरल के किसानों की पीड़ा नजर नहीं आ रही। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष बंगाल और केरल के किसानों के लिए क्यों नहीं प्रदर्शन कर रहे। पीएम मोदी ने कहा कि अगर किसानों को अपनी उपज बेचने का विकल्प ऑनलाइन माध्यम से पूरे साल और कहीं भी मिल रहा है तो कृषि कानून (Farmers Bill 2020) में गलत क्या है?

इस दौरान पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि की नई किस्त भी जारी की, जिसके तहत नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए भेजे गए। पीएम मोदी ने लाभार्थी किसानों से बात करते हुए कहा कि जमीन को लेकर विपक्ष सिर्फ भ्रम फैला रहा है, जिसकी जमीन है उसी की रहेगी। कंपनी ने आपसे अदरक खरीदा है, आपकी जमीन नहीं। पीएम मोदी ने 6 राज्यों के किसानों से बात की, इसमें-हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और अरुणाचल प्रदेश के किसान भी शामिल थे। अटल जयंती के अवसर पर देश के अलग-अलग हिस्सों में भाजपा की 2500 किसान चौपाल हो रही हैं। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर विधायकों तक ने मोर्चा संभाला और किसानों से बात की।

मुद्दे से भटका किसान आंदोलन
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल जिन्हें देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से नकार दिया है, 
वो आज कुछ किसानों को गुमराह करके जो कुछ भी कर रहे हैं। उन सभी को बार-बार नम्रता पूर्वक सरकार की तरफ से अनेक प्रयासों के बावजूद भी किसी न किसी राजनीतिक कारण से ये चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जब किसान आंदोलन शुरू हुआ तब मांग की जा रही थी कि MSP की गारंटी होनी चाहिए। लेकिन अब आंदोलन भटक गया है। कुछ लोगों के पोस्टर लगाकर उन्हें रिहाई की मांग कर रहे हैं, अब कह रहे हैं टोल को खाली कर दो। पीएम मोदी ने कहा कि किसान आंदोलन तो अब रहा नहीं, किसान आंदोलन के नाम पर अन्य कई मुद्दों को उठाया जा रहा है।

पीएम मोदी ने गिनाए कृषि कानून के फायदे

  • हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले। हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर MSP मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई।
  • इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं।
  • आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं?  आप उसे बेच सकते हैं। आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप अपनी उपज का निर्यात करना चाहते हैं ? आप निर्यात कर सकते हैं। आप उसे व्यापारी को बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं।
  • हमने इस लक्ष्य पर भी काम किया की देश के किसान के पास खेत में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा हो। हम दशकों पुरानी सिंचाई योजनाओं को पूरा करने के साथ ही देशभर में Per Drop-More Crop के मंत्र के साथ माइक्रो इरीगेशन को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
  • हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि नए बाजार हो। हमने देश की एक हजार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा। इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है।
  • इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं।
  • आज नए कृषि सुधारों को लेकर असंख्य झूठ फैलाए जा रह हैं। कुछ लोग किसानों के बीच भ्रम फैला रहे हैं कि MSP समाप्त की जा रही है। कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि मंडियों को बंद कर दिया जाएगा।
  • मैं आपको फिर ध्यान दिलाना चाहता हूं कि इन कानूनों को लागू हुए कई महीने बीत गए हैं, क्या आपने देश के किसी एक भी कोने में एक भी मंडी बंद होने की खबर सुनी है? ये कृषि सुधारों और नए कृषि सुधार कानूनों के बाद भी हुआ है।
  • सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है। किसान चाहे जिसे अपनी उपज बेचना चाहे, सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि एक मजबूत कानून किसानों के पक्ष में खड़ा रहे।

पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश

  • मुझे आज इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है। 
  • स्वार्थ की राजनीति करने वालों को जनता बहुत बारीकी से देख रही है। जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते वो दल यहां किसान के नाम पर दिल्ली के नागरिकों को परेशान करने में लगे हुए हैं, देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं।
  • जो लोग 30-30 साल तक बंगाल में राज करते थे, एक ऐसी राजनीतिक विचारधारा को लेकर उन्होंने बंगाल को कहां से कहां लाकर खड़ा कर दिया है, ये सारा देश जानता है।
  • आज मोक्षदा एकादशी है, गीता जयंती है। आज ही भारत रत्न महामना मदनमोहन मालवीय जी की भी जयंती है। आज ही हमारे प्रेरणा पुरूष स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की भी जन्म जयंती है। उनकी स्मृति में आज देश 'गुड गवर्नेंस डे' भी मना रहा है।
  • किसानों के जीवन मे खुशी, हम सभी के जीवन में खुशी बढ़ा देती है। आज का दिवस तो बहुत ही पावन भी है। किसानों को आज जो सम्मान निधि मिली है, उसके साथ ही आज का दिन कई अवसरों का संगम बनकर भी आया है।

  • ये वही लोग हैं जो वर्षों तक सत्ता में रहें। इनकी नीतियों की वजह से देश की कृषि और किसान का उतना विकास नहीं हो पाया जितना उसमें सामर्थ्य था। पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद छोटा किसान हुआ।
  • 2014 में सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने नई अप्रोच के साथ काम करना शुरू किया। हमने देश के किसान की छोटी छोटी दिक्कतों, कृषि के आधुनिकीकरण और उसे भविष्य की ज़रूरतों के लिए तैयार करने पर ध्यान दिया।
  • हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले। हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर MSP मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई।
  • इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं।

आज किसानों के बीच भाजपा
केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ अन्य भाजपा नेता देशभर में पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और किसानों से संवाद भी करेंगे। भाजपा ने यह कार्यक्रम ऐसे समय में तय किया है कि जब दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान पिछले चार सप्ताह से अधिक समय से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। वे इन कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। यह कार्यक्रम ऐसे दिन है जब देश में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती भी मनाई जाएगी। साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से भाजपा इस दिन को ‘सुशासन दिवस' के रूप में मनाती है।

देश के 19,000 से ज्यादा जगहों पर कार्यक्रम
देश के 19,000 से ज्यादा स्थानों पर ये कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन कार्यक्रमों में देश के एक करोड़ से ज्यादा किसानों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजधानी के मेहरौली और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारका सेक्टर 15 में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

Seema Sharma

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