शी के साथ मुलाकात भारत-चीन मित्रता को देगी मजबूती: PM मोदी

Saturday, Jun 09, 2018 - 08:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क(भाषा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वुहान में उनके बीच अनौपचारिक वार्ता के बाद हुई यह मुलाकात भारत-चीन मित्रता को और मजबूती देगी। वुहान शिखर वार्ता के करीब छह सप्ताह बाद हुई इस बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के खाके पर चर्चा की और वुहान में उनके द्वारा किये गये फैसलों के क्रियान्वयन की समीक्षा की।

वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया कि इस साल के एससीओ के मेजबान राष्ट्रपति शी चिनफिंग से आज शाम मुलाकात हुई। हमने द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। हमारी बातचीत भारत-चीन मित्रता में नई शक्ति प्रदान करेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस बैठक को गर्मजोशी भरा बताया जबकि भारत में चीन के राजदूत लुयो झाओहुइ ने कहा कि दोनों नेताओं का मुख्य ध्यान वुहान में बनी आमसहमति को लागू करने तथा भारत-चीन के भविष्य के संबंधों के लिए खाका खींचने पर होगा। चीन द्वारा भारत को ब्रहमपुत्र नदी के जल आवागमन, वितरण और गुणवत्ता संबंधी सूचनाएं साझा करने तथा भारत से चीन को चावल निर्यात संबंधी सहमति पत्रों पर मोदी-शी वार्ता के बाद हस्ताक्षर किये गये।  

दोनों देश आर्थिक संबंधों को देंगे बढावा
वुहान में बातचीत के बाद, मोदी और शी ने भविष्य में डोकलाम जैसी स्थिति से बचने के प्रयासों के तहत भरोसा और विश्वास पैदा करने के लिए संवाद मजबूत करने के वास्ते अपनी सेनाओं को रणनीतिक दिशानिर्देश जारी करने का फैसला किया था। दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों और लोगों के बीच आपसी संपर्क बढाने के तरीकों पर चर्चा की थी। मोदी एससीओ के सालाना सम्मेलन में शामिल होने के लिए दो दिवसीय दौरे पर आज दोपहर यहां पहुंचे। 

चीन पीएम के भाषण की कर चुका है तारीफ
पिछले साल डोकलाम मसले तथा पाक के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने के भारत के प्रयासों को चीन द्वारा रोकने सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों में गतिरोध पैदा हो गया था। भारत ने चीन की ‘ बेल्ट एंड रोड ’ पहल का भी विरोध किया था क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है। मोदी ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर भारत और चीन एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रहते हुए विश्वास और भरोसे के साथ मिलकर काम करता है तो एशिया और विश्व का बेहतर भविष्य होगा। सिंगापुर में ‘ शांग्री-वार्ता ’ में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की चीन ने सराहना की थी। यह पहला मौका है जब भारत और पाकिस्तान को इस संगठन का पूर्ण सदस्य बनाए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।  

vasudha

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