किसानों से PM मोदी की अपील-अब खत्म कीजिए आंदोलन, MSP थी MSP है और MSP रहेगी

Monday, Feb 08, 2021 - 03:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध कर रहे किसानों से अपना आंदोलन खत्म कर कृषि सुधारों को एक मौका देने की अपील करते हुए कहा कि यह समय खेती को ‘खुशहाल' बनाने का है और देश को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि सुधारों पर ‘यू-टर्न' लेने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि पिछले कुछ समय से इस देश में ‘आंदोलनजीवियों' की एक नई जमात पैदा हुई है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकती।

पीएम मोदी ने कहा कि एक नया FDI भी मैदान में आया है और यह है (Foreign destructive ideology)। प्रधानमंत्री ने कहा कि कहा कि जब देश में सुधार होते हैं तो उसका विरोध होता है। उन्होंने कहा कि जब देश में हरित क्रांति आई थी उस समय भी कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों का विरोध हुआ था। उन्होंने कहा कि हम आंदोलन से जुड़े लोगों से लगातार प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है, लेकिन बुजुर्ग भी वहां बैठे हैं। उनको ले जाइए, आंदोलन खत्म करिए। आगे मिल बैठ कर चर्चा करेंगे, सारे रास्ते खुले हैं। यह सब हमने कहा है और आज भी मैं इस सदन के माध्यम से निमंत्रण देता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पंजाब के किसानों को गुमराह करना ठीक नहीं है। 84 दंगों के आंसू और दर्द अब भी कोई भूला नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिखों पर देश को गर्व है, वे देश की शान। पीएम मोदी ने कहा कि हमने अपनी नीतियों में मिलावट नहीं की है, भलाई के लिए ही कदम उठाया है। पीएम मोदी ने कहा कि सदन में सिर्फ किसान आंदोलन पर चर्चा हो रही है लेकिन यह क्यों नहीं बोला जा रहा कि किसान आंदोलन कर क्यों रहे हैं।

पीएम मोदी ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि किसान आंदोलन पर सिर्फ राजनीति हो रही है, किसानों की मूलभूत सुविधाओं पर क्यों कोई चर्चा नहीं कर रहा। यह हमें तय करना है कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का माध्यम बनना चाहते हैं। पीएम ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई। किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती। उन्होंने कहा कि खेती की मूलभूत समस्या क्या है, उसकी जड़ कहां है। पीएम मोदी ने कहा कि जब भी कोई नई चीज आती है तो असमंजस की स्थिति रहती है लेकिन उस पर गहन विचार होना चाहिए न कि हंगामा। 

पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने की कृषि कानून की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने सरकार के प्रयासों की सराहना की और कई सुझाव भी दिए। मैं आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जी की बात बताना चाहता हूं। वो छोटे किसानों की दयनीय स्थिति पर हमेशा चिंता करते थे। पीएम मोदी ने चौधरी चरण सिंह के कथन को सदन में पढ़ा, ‘किसानों का सेंसेस लिया गया, तो 33 फीसदी किसान ऐसे हैं जिनके पास जमीन 2 बीघे से कम है, 18 फीसदी जो किसान कहलाते हैं उनके पास 2-4 बीघे जमीन है, ये कितनी भी मेहनत कर ले, अपनी जमीन पर इनकी गुजर नहीं हो सकती है’। पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा वक्त में जिनके पास 1 हेक्टेयर से कम जमीन है, वो 68 फीसदी किसान हैं, 86 फीसदी किसानों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है, हमें अपनी योजनाओं के केंद्र में 12 करोड़ किसानों को रखना होगा।

यू-टर्न क्यों ले रहा विपक्ष
प्रधानमंत्री ने कहा कि शरद पवार समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने कृषि सुधारों की बात की थी। शरद पवार ने अभी भी सुधारों का विरोध नहीं किया, हमें जो अच्छा लगा वो किया आगे भी सुधार करते रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि आज विपक्ष यू-टर्न ले रहा क्योंकि राजनीति हावी है लेकिन राजनीति में विचार नहीं मरने चाहिए सुधार खत्म नहीं करने चाहिए। पीएम मोदी ने सदन में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कथन पढ़ा, ‘हमारी सोच है कि बड़ी मार्केट को लाने में जो अड़चने हैं, हमारी कोशिश है कि किसान को उपज बेचने की इजाजत हो’। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो  मनमोहन सिंह ने कहा था कि वो आज मोदी को करना पड़ रहा है, आप गर्व कीजिए। पीएम मोदी ने कहा कि दूध का काम करने वाले, पशुपालन वालों के पास खुली छूट है। कोई भी पशु पाल सकता है, दूध उत्पादन में कोई बंधन नहीं तो फिर किसानों को ये छूट क्यों नहीं है।

आगे बढ़ने के लिए देश को पीछे नहीं ले जा सकते
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत जारी है। अगर हमें आगे बढ़ना है तो देश को पीछे नहीं ले जा सकते। किसानों की आय बढ़ाने पर भी हमारा खास ध्यान है। MSP थी है और रहेगी।

Seema Sharma

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