Budget Session: अनुच्छेद 370 से लेकर CAA तक, ये हैं राष्ट्रपति के अभिभाषण की मुख्यें बातें

Friday, Jan 31, 2020 - 12:25 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को ऐतिहासिक करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इसने महात्मा गांधी के स्वप्नों को पूरा किया है। उन्होंने सीएए सहित विभिन्न मुद्दों पर हो रहे प्रदर्शनों की ओर इशारा करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से लोकतंत्र कमजोर होता है। राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के ऐतिहासिक केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि संसद ने नयी सरकार के गठन के बाद पहले सात महीनों में कई ऐतिहासिक कानून पारित कर रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दशक को भारत का दशक बनाने के लिए मजबूत कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि देश के लोग खुश हैं कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को सात दशक बाद देश के बाकी हिस्सों के बराबर अधिकार मिले। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषण की मुख्यें बातें इस प्रकार:-

निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही मोदी सरकार 

  • मुझे प्रसन्नता है कि पिछले 7 महीनों में संसद ने काम करने के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस लोकसभा के पहले सत्र में, सदन द्वारा कार्य निष्पादन, पिछले सात दशकों में एक नया रिकॉर्ड रहा है। 
  • सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि पर फैसले के बाद देशवासियों द्वारा जिस तरह परिपक्वता से व्यवहार किया गया, वह भी प्रशंसनीय है। 
  • मेरी सरकार, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलते हुए, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही है। 
  • सरकार द्वारा पिछले पाँच वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए सुधारों का ही परिणाम है कि अनेक क्षेत्रों में भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अभूतपूर्व सुधार आया है।
  • मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं। 
  • वहीं विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है। 

अनुच्छेद 370 को हटाया जाना ऐतिहासिक कदम

  • संसद के दोनों सदनों द्वारा दो तिहाई बहुमत से संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को हटाया जाना, न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है।,
  • जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का तेज विकास, वहां की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा, पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन और लोकतंत्र का सशक्तीकरण, मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में हैं। 
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां मार्च 2018 तक जम्मू-कश्मीर में लगभग 3,500 घर बनाए गए थे, वहीं दो साल से भी कम समय में 24,000 से ज्यादा घरों का निर्माण पूरा किया गया है 
  • जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कनेक्टिविटी, सिंचाई, अस्पताल, पर्यटन से जुड़ी योजनाओं एवं IIT, IIM, AIIMS जैसे उच्च शिक्षा के संस्थानों की स्थापना का काम भी तेजी से चल रहा है। 

 सरकार ने दी चंद्रयान-3 मिशन को मंजूरी

  • 2014 में भारत में मोबाइल बनाने वाली सिर्फ 2 कंपनियां थीं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है।
  • सरकार द्वारा ऑटोमोबाइल और रेलवे में भी मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  •  वंदे भारत और तेजस एक्सप्रेस के रूप में पूरी तरह से भारत में बन रही आधुनिक रेलगाड़ियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
  • देश में 21वीं सदी का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हो, ये गरीब से लेकर मध्यम वर्ग की आशा-आकांक्षा रहती है।लोगों की इस अपेक्षा को पूरा करने के लिए अगले पाँच वर्ष में 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश किए जाएंगे। 
  • देशवासियों के प्रयास से भारत में पिछले चार साल में पेड़ और वन के क्षेत्र में 13 हजार वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। 
  • मेरी सरकार द्वारा चंद्रयान-3 को स्वीकृति दी जा चुकी है। ISRO द्वारा मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम- गगनयान तथा आदित्य-एक मिशन पर भी तेजी से कार्य हो रहा है।
  • सरकार द्वारा अंतरिक्ष में भी सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। A-Sat के सफल परीक्षण से भारत अंतरिक्ष में विशेष मारक क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है

वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जतायी कि संसद का आज से शुरू हो रहा बजट सत्र देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव डालने वाला होगा और उनकी सरकार का बल दलितों, वंचितों, महिलाओं के सशक्तीकरण पर होगा। मोदी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि यह इस साल का और इस दशक का पहला सत्र है। हमारा प्रयास रहना चाहिये कि यह सत्र दशक के उज्ज्वल भविष्य के लिए मजबूत नींव डालने वाला सत्र बना रहे। 

मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने अब तक दलितों, शोषितों, वंचितों और महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में काम किया है और इस दशक में भी हमारा यही प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि इस सत्र में अधिकतम आर्थिक विषयों पर चर्चा होगी। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का भारत किस प्रकार फायदा उठा सकता है, मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों का लाभ भारत को कैसे मिल सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद के दोनों सत्रों में लोगों के आर्थिक सशक्तीकरण पर व्यापक चर्चा होनी चाहिये। 

vasudha

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