श्री गुरु नानक देव का जिक्र कर जानिए कैसे किसानों को साध गए PM मोदी

Sunday, Nov 29, 2020 - 01:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सुधार कानूनों का रविवार को बचाव करते हुए कहा कि इन कानूनों से किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुले हैं। मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के 18वें ‘मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि इन कानूनों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन खत्म हुए हैं बल्कि उन्हें अधिकार और अवसर भी मिले हैं। वहीं पीएम मोदी ने मन की बात में श्री गुरु नानक देव जी का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में  श्री गुरु नानक देव जी का जिक्र करके आंदोलन कर रहे किसानों खासकर पंजाबी किसानों को साधने की कोशिश की। पीएम मोदी ने कहा कि सोमवार (30 नवंबर) को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

Vancouver से Wellington तक, Singapore से South Africa तक उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि गुरुग्रन्थ साहिब में कहा गया है कि 'सेवक को सेवा बन आई', यानी सेवक का काम सेवा करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे महसूस होता है, कि गुरु साहब की मुझपर विशेष कृपा रही जो उन्होंने मुझे हमेशा अपने कार्यों में बहुत करीब से जोड़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस बात के लिए बहुत कृतज्ञ हूं कि गुरु साहिब ने मुझसे निरंतर सेवा ली है। पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आए और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला। 

करतारपुर साहिब कॉरिडोर
पीएम ने कहा कि पिछले साल नवंबर में ही करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुलना बहुत ही ऐतिहासिक रहा। इस बात को मैं जीवनभर अपने हृदय में संजो कर रखूंगा। यह हम सभी का सौभाग्य है कि हमें श्री दरबार साहिब की सेवा करने का एक और अवसर मिला। पीएम मोदी ने कहा कि मानवता की सेवा की - ये परंपरा, हम सभी के लिए निरंतर प्रेरणा का काम करती है। उन्होंने कहा कि मेरी कामना है, हम सभी, सेवक की तरह काम करते रहे। गुरु साहिब मुझसे और देशवासियों से इसी प्रकार सेवा लेते रहें। एक बार फिर, गुरु नानक जयंती पर, मेरी, बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 

गुरु नानक देव जी ने शुरू की लंगर परंपरा
पीएम मोदी ने कहा कि गुरु नानक देव जी ही थे, जिन्होंने, लंगर की परंपरा शुरू की थी और आज हमने देखा कि दुनिया-भर में सिख समुदाय ने किस प्रकार कोरोना के इस समय में लोगों को खाना खिलाने की अपनी परंपरा को जारी रखा है। प्रधानंत्री ने का कि क्या आप जानते हैं कि कच्छ में एक गुरुद्वारा है, लखपत गुरुद्वारा साहिब। 2001 के भूकंप से कच्छ के लखपत गुरुद्वारा साहिब को भी नुकसान पहुंचा था। यह गुरु साहिब की कृपा ही थी कि मैं इसका जीर्णोद्धार सुनिश्चित कर पाया।

Seema Sharma

Advertising