Mann Ki Baat में पीएम मोदी ने भगत सिंह, महात्मा गांधी-शास्त्री और राजे सिंधिया को किया याद

Sunday, Sep 27, 2020 - 01:50 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के युवा भले ही शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तरह न बन पाएं लेकिन उनकी तरह देश प्रेम का जज्बा दिल में होना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात' में शहीद-ए-आजम को याद करते हुए कहा कि 101 साल पहले वर्ष 1919 में जलियांवाला बाग में अंग्रेजों ने जिस प्रकार निर्दोष लोगों का कत्लेआम किया था उसे देखकर 12 साल का एक खुशमिज़ाज और चंचल बालक यह सोचकर स्तब्ध रह गया कि कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है। वह मासूम गुस्से की आग में जलने लगा था। उसी जलियांवाला बाग में उसने अंग्रेजी शासन के खिलाफ़ लड़ने की कसम खाई। पीएम मोदी ने कहा कि हां! मैं शहीद वीर भगत सिंह की बात कर रहा हू। कल 28 सितंबर को हम उनकी जयंती मनाएंगे। मैं समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगतसिंह को नमन करता हूं।

 

एक हुकूमत जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से पर शासन था, जिनके बारे में कहा जाता था कि उनके शासन में सूर्य कभी अस्त नहीं होता, इतनी ताकतवर हुकूमत एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गई थी। उनके जीवन का एक और खूबसूरत पहलू यह है कि वह मिलकर काम करने के महत्व को बख़ूबी समझते थे। लाला लाजपतराय के प्रति उनका समर्पण हो या फिर चंद्रशेखर आज़ाद, सुखदेव, राजगुरु समेत क्रांतिकारियों के साथ उनका जुड़ाव, उनके लिए कभी व्यक्तिगत गौरव महत्वपूर्ण नहीं रहा। वे जब तक जिए सिर्फ एक लक्ष्य के लिए जिये और उसी के लिये उन्होंने अपना बलिदान दे दिया। वह लक्ष्य था भारत को अन्याय और अंग्रेजी शासन से मुक्ति दिलाना। 

 

2 अक्तूबर को मां के दो सपूतों का जन्मदिन
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को स्मरण करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यदि हम राष्ट्रपिता के आदर्शों पर चले होते तो आज ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान' की जरूरत नहीं होती। 2 अक्तूबर हम सबके लिए पवित्र और प्रेरक दिवस होता है। यह दिन मां भारती के दो सपूतों, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को याद करने का दिन है। बापू का जीवन हमें याद दिलाता है कि हमारा हर कार्य ऐसा हो, जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति का भला हो। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी का जीवन हमें विनम्रता और सादगी का संदेश देता है। 

 

जयप्रकाश नारायण, नानाजी देशमुख और राजे सिंधिया का जिक्र
पीएम मोदी ने मन की बात में लोकनायक जयप्रकाश नारायण, भारत रत्न नानाजी देशमुख और भाजपा की सह संस्थापक रहीं विजय राजे सिंधिया को स्मरण किया। पीएम मोदी ने कहा कि 11 अक्तूबर का दिन हमारे लिए बहुत ही विशेष होता है। इस दिन हम भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण (JP) को उनकी जयंती पर स्मरण करते हैं। उन्होंने हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाई है। हम भारत रत्न नानाजी देशमुख को भी याद करते हैं जिनकी जयंती भी 11  अक्तूबर को ही है। उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख जयप्रकाश नारायण के बहुत निकट साथी थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ाई के दौरान पटना में जब जेपी पर प्राणघातक हमला किया गया था तब नानाजी देशमुख ने वो वार अपने ऊपर ले लिया था। इस हमले में नानाजी को काफ़ी चोट आई थी, लेकिन वह जेपी का जीवन बचाने में कामयाब रहे थे।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 12  अक्तूबर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया की भी जयंती है जिन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। वह एक राज परिवार से थीं। उनके पास संपत्ति, शक्ति और दूसरे संसाधनों की कोई कमी नहीं थी। फिर भी उन्होंने अपना जीवन एक मां की तरह वात्सल्य भाव से जन-सेवा के लिए खपा दिया। मोदी ने राजमाता सिंधिया से जुड़ी अपनी एक याद भी साझा की। उन्होंने बताया कि कन्याकुमारी से कश्मीर एकता यात्रा के दौरान दिसम्बर-जनवरी की कड़ाके की ठंड के समय वह रात को करीब 12-1 बजे मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास शिवपुरी पहुंचे। रात के करीब दो बजे जब वह नहा-धोकर सोने की तैयारी कर रहे थे तो किसी ने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोला तो राजमाता साहब सामने खड़ी थीं। वह उनके लिए हल्दी वाला गर्म दूध लेकर आई थीं। अगले दिन पता चला कि उस यात्र से जुड़े जो 30-40 लोग थे उन सबके कमरे में जाकर के उन्होंने उस दिन रात के दो बजे सबको दूध पिलाया।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मां का प्यार क्या होता है, वात्सल्य क्या होता है, उस घटना को मैं कभी नहीं भूल सकता हूं। यह हमारा सौभाग्य है कि ऐसे महान विभूतियों ने हमारी धरती को अपने त्याग और तपस्या से सींचा है। आइए, हम सब उनके सपने को अपना संकल्प बनाएं।'' साथ ही पीएम मोदी ने एक बार फिर देशवासियों को कोरोना के प्रति सजग करते हुए याद दिलाया कि वे मास्क अवश्य रखें और मुंह तथा नाक ढके बिना बाहर न जाएं और दो गज की दूरी के नियम का पालन करें। उन्होंने कहा कि ये कुछ नियम इस महामारी के खि़लाफ लड़ाई के हथियार हैं, हर नागरिक के जीवन को बचाने के मजबूत साधन हैं। उन्होंने फिर दुहराया कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।

Seema Sharma

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