दूसरी बार सत्ता में आने के बाद प्रणब मुखर्जी का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे पीएम मोदी, हमेशा दिया पिता क

Monday, Aug 31, 2020 - 08:09 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया। प्रणब मुखर्जी की आर्मी अस्पताल में ब्रेन सर्जरी हुई थी और वे कई दिनों से कोमा में ही थे। प्रणब मुखर्जी का राजनीति में लंबा अनुभव रहा है और वे कुछ समय के लिए मोदी सरकार में भी राष्ट्रपति पद पर रहे। उनके राष्ट्रपति कार्यकाल की सबसे बड़ी बात थी कि वे पक्ष और विपक्ष को एक नजर से देखते और अपनी बात रखते हुए कभी नहीं देखते थे कि सामने उनकी पार्टी (कांग्रेस) के नेता हैं या विपक्ष के। प्रणब मुखर्जी की इसी पारदर्शिता के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कायल थे। लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ लगातार जब दूसरी बार केंद्र की सत्ता में भाजपा सरकार आई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रणब मुखर्जी का आशीर्वाद लेने उनके घर गए थे। मुखर्जी ने भी पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें अपने हाथों से मिठाई खिलाई थी। पीएम मोदी ने तब कहा था कि प्रणब दा से मुलाकात हमेशा अनुभव बढ़ाने वाला होता है। उनके ज्ञान और समझ की कोई दूसरी मिसाल नहीं है।

जब पीएम मोदी को दी बड़ी नसीहत
प्रणब मुखर्जी ने खुद को ‘संसद की देन’ कहते थे। वे कहते थे कि संसदीय जीवन में उन्हें कई नेताओं से बहुत कुछ सीखने को मिला। जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद से विदा हो रहे थे तो उन्होंने जाते-जाते पीएम मोदी को नसीहत दी थी कि अध्यादेश के रूप में कार्यपालिका को कानून बनाने का असाधारण अधिकार दिया गया है, लेकिन अध्यादेश का रास्ता बाध्यकारी परिस्थितियों में ही अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मौद्रिक मामलों में तो अध्याधेश का सहारा कतई नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अध्यादेश का रास्ता वैसे मामलों में भी नहीं अपनाया जाना चाहिए जिन पर सदन में या इसकी किसी समिति के समक्ष विचार-विमर्श किया जा रहा है अथवा किसी सदन में पेश किया जा चुका है। साथ ही उन्होंने संसद में गतिरोध पर सीख देते हुए कहा था कि पहले वहां गंभीर चर्चा होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि पूरे देश की नजर यहां होती है।

पीएम मोदी ने लिखा था प्रणब दा को खत
पीएम मोदी ने प्रणब मुखर्जी को इमोशनल लेटर लिखा था जिसे खुद पूर्व राष्ट्रपति ने ट्विटर पर शेयर किया था। दरअसल पीएम मोदी ने यह प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति पद से विदाई के मौके पर लिखा था। तब पीएम मोदी ने कहा था कि एक पिता की तरह प्रणब मुखर्जी ने हमेशा उनको सही रास्ता दिखाया और उनके साथ कभी भी सरकार का कोई मतभेद नहीं हुआ। मोदी मोदी ने लिखा था कि मेरे सामने बड़ा काम और चुनौतियां थीं। उस वक्त, आप हमेशा मेरे लिए एक पिता और सलाहकार के तौर पर रहे। आपकी समझ और ज्ञान का स्तर ऐसा है कि हम तालमेल के साथ मिलकर काम करने के काबिल बने। पीएम मोदी ने खत में लिखा था कि आप उस पीढ़ी के नेताओं में से हैं, जिनके लिए राजनीति निस्वार्थ भाव से समाज को कुछ देने का एक जरिया रही। भारत को आप पर गर्व होगा, एक ऐसा राष्ट्रपति जो एक विनम्र लोक सेवक और एक असाधारण नेता था।

प्रणब मुखर्जी ने अपनी कार्यशैली से पक्ष ही नहीं विपक्ष को भी हमेशा अचम्भित किया। प्रणब मुखर्जी हमेशा ही नेताओं के लिए एक प्रेरणा के तौर पर याद किए जाएंगे।  

Yaspal

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