थॉमस कप विजेता टीम से मिले PM मोदी, बोले- आपने देश को गर्व से भरा...सच कर दिया बड़ा सपना
Sunday, May 22, 2022 - 11:39 AM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को थॉमस कप विजेता भारतीय बैडमिंटन टीम से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब हमारी टीम थॉमस खिताब जीतने की लिस्ट में काफी पीछे हुआ करती थी। भारतीयों ने कभी इस खिताब का नाम भी नहीं सुना होगा, लेकिन आज आपने इसे देश में लोकप्रिय कर दिया है। खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस भारतीय टीम ने यह जज्बा जगाया है कि मेहनत की जाए, तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने चिराग, लक्ष्य सेन और एचएस प्रणॉय से भी बात की।
Interacted with our badminton champions, who shared their experiences from the Thomas Cup and Uber Cup. The players talked about different aspects of their game, life beyond badminton and more. India is proud of their accomplishments. https://t.co/sz1FrRTub8
— Narendra Modi (@narendramodi) May 22, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि दबाव होना ठीक है, लेकिन दबना गलत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लक्ष्य सेन ने अपना वादा पूरा किया है। उन्होंने फोन पर कहा था कि मिठाई खिलाऊंगा, आज वह मेरे लिए मिठाई लेकर आए हैं। लक्ष्य ने बताया कि टूर्नामेंट के दौरान उनको फूड पॉइजनिंग हो गया था। इस वजह से वह तीन मैच नहीं खेल पाए थे। किदांबी श्रीकांत ने कहा कि एथलीटों को यह कहते हुए हमेशा गर्व होगा कि हमें अपने प्रधानमंत्री का समर्थन प्राप्त है। भारतीय बैडमिंटन टीम के चीफ कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि पीएम खिलाड़ियों और खेल का अनुसरण करते हैं, और उनके विचार खिलाड़ियों से जुड़ते हैं।
भारतीय डबल्स टीम के कोच माथियास बो ने कहा कि मैं एक खिलाड़ी रहा हूं और मैंने देश के लिए पदक जीते हैं लेकिन मेरे प्रधानमंत्री ने मुझे कभी मिलने के लिए नहीं बुलाया। बता दें कि माथियास डेनमार्क के इंटरनेशनल बैडमिंटन प्लेयर रहे हैं। 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशिया को मात देकर भारत ने पहली बार थॉमस कप जीता और इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है। लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत समेत अन्य खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया था। भारत ने 73 साल के इतिहास में पहली बार इस टूर्नामेंट को जीतने में सफलता हासिल की है। थॉमस कप को पुरुषों का विश्व टीम चैम्पियनशिप भी कहा जाता है, ऐसे में यह जीत 1983 क्रिकेट विश्व कप जीत जैसी है।