संसद आतंकी हमले की 16वीं बरसी: मोदी-मनमोहन ने एक-दूसरे को देख जोड़े हाथ

Wednesday, Dec 13, 2017 - 02:47 PM (IST)

नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत विभिन्न नेताओं, सांसदों ने संसद भवन पर 2001 में हुए आतंकी हमले में शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। संसद भवन में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में आज नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह आमने-सामने हुए जिनके बीच गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले थे।

मोदी और सिंह ने समारोह के दौरान एक-दूसरे का गर्मजोशी से अभिवादन किया। सिंह ने मोदी को ‘नमस्ते’ कह कर अभिवादन किया। इसके बाद दोनों ने एक दूसरे के प्रति हाथ जोड़कर सम्मान प्रकट किया।

सुषमा-रविशंकर और आडवाणी से मिले राहुल
शहीदों के नमन करने के बाद पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं को आपस में बात करते देखा गया। राहुल गांधी भी सुषमा से बातचीत करते नजर आए। वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी हल्के मूड में राहुल से बातचीत करते दिखे। गुजरात ने चुनाव प्रचार की तनिक भी झलक संसद में देखने को नहीं मिली। राहुल ने आडवाणी को लइन खुद आगे होने को कहा। इस दौरान सभी के बीच हल्का हमसी-मजाक भी चला।

सोनिया गांधी सहित अन्य दिग्गज नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
समारोह में उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी, कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री और अनेक नेता शामिल हुए और 16 साल पहले संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में शहीद वीरों को पुष्पांजलि अर्पित की।

उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर 2001 को भारी हथियारों से लैस पांच आतंकी संसद भवन परिसर में घुस आए थे और अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस दौरान संसद भवन की सुरक्षा में लगे दिल्ली पुलिस के पांच सुरक्षाकर्मी, केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल की एक महिला कर्मी, संसद वाच एंड वार्ड के दो कर्मी और एक कैमरामैन इस हमले में शहीद हो गए थे।

उपराष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन की सुरक्षा करते हुए सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीदों के प्रति देश सदा आभारी रहेगा।’’ 

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस घटना में जीवन का बलिदान देने वालों को कभी भूला नहीं जाएगा।  उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ 13 दिसंबर 2001 को हमारे लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करते हुए जीवन का बलिदान देने वालों को हम श्रद्धांजलि देते हैं। उनके बलिदान को कभी नहीं भूला जा सकेगा।’

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