G-20 शिखर सम्मेलन में PM Modi ने Justin Trudeau को किया अनदेखा, द्विपक्षीय वार्ता से बचते हुए बढ़े भारत-कनाडा के तनाव के संकेत

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2024 - 12:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव के नए संकेत सामने आए हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से द्विपक्षीय मुलाकात करने से साफतौर पर बचते हुए उन्हें पूरी तरह अनदेखा किया। यह घटना तब हुई, जब सम्मेलन के दौरान दोनों नेता एक ही स्थान पर खड़े थे, लेकिन उनके बीच कोई संवाद नहीं हुआ। इस घटना ने भारत और कनाडा के रिश्तों में आई खटास को और बढ़ा दिया है और इसे कूटनीतिक सन्देश के रूप में देखा जा रहा है। 

भारत और कनाडा के बीच तनाव का इतिहास
भारत और कनाडा के बीच रिश्ते पिछले कुछ महीनों में राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से बहुत तनावपूर्ण रहे हैं। खासतौर पर, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तान समर्थक तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया था। इसके बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ा और भारत ने कनाडा द्वारा खालिस्तानी आंदोलनकारियों को समर्थन देने के मुद्दे पर गंभीर आपत्ति जताई। इस तनाव ने द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित किया है, और कूटनीतिक वार्ताओं का सिलसिला भी थम सा गया है।

G-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और जस्टिन ट्रूडो का आपसी व्यवहार
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जब सभी देशों के प्रमुख नेता सामूहिक रूप से एक तस्वीर के लिए खड़े थे, तो इस दौरान एक दिलचस्प घटना घटी। वीडियो में देखा गया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो एक-दूसरे से कुछ दूरी पर खड़े थे, और उनके बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन थे। बाइडन ने मोदी के कंधे पर हाथ रखा हुआ था और उनसे कुछ बात कर रहे थे, जबकि मोदी हंसते हुए बाइडन से बात कर रहे थे। इस बातचीत के दौरान मोदी ने अपने सिर को दूसरी दिशा में घुमा लिया और ट्रूडो की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और इसे भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव के प्रतीक के रूप में देखा गया। कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने इसे कूटनीतिक अनदेखी के तौर पर व्याख्यायित किया, और यह सवाल उठाया कि क्या मोदी जानबूझकर ट्रूडो से संवाद नहीं करना चाहते थे।

द्विपक्षीय मुलाकात का अभाव
हालांकि G-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य देशों के नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकातें कीं, जैसे कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल, आदि से मुलाकात की और इनकी तस्वीरें भी साझा कीं, लेकिन जस्टिन ट्रूडो से किसी भी प्रकार की मुलाकात या संवाद की कोई तस्वीर सामने नहीं आई। इससे यह साफ प्रतीत होता है कि पीएम मोदी ने जानबूझकर ट्रूडो से मुलाकात नहीं की। यह घटना भारत और कनाडा के रिश्तों में बढ़ते तनाव को और स्पष्ट करती है। यह भी देखा गया कि ट्रूडो और मोदी के बीच इस सम्मेलन में न तो कोई सार्वजनिक बातचीत हुई, न ही दोनों के बीच औपचारिक संवाद का कोई अवसर आया।

क्या दोनों नेता जानबूझकर मिलकर बच रहे हैं?
कई विश्लेषकों का मानना है कि यह दूरी जानबूझकर बनाई गई है। दोनों देशों के नेताओं ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन इस घटना से यह साफ प्रतीत होता है कि दोनों के बीच रिश्तों में अब असहमति और अनबन बढ़ गई है। खासकर ट्रूडो द्वारा भारत पर खालिस्तानी तत्वों का समर्थन करने के आरोपों के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आई है। भारत ने बार-बार यह जताया है कि वह किसी भी प्रकार के आतंकवाद या अलगाववादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। इसके बावजूद ट्रूडो ने भारत के खिलाफ कई बार सार्वजनिक बयान दिए, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में और खटास आई।

भारत और कनाडा के संबंधों पर इसका असर
भारत और कनाडा के बीच बढ़ता तनाव न केवल कूटनीतिक, बल्कि व्यापार, शिक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी असर डाल सकता है। दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध हैं, विशेषकर कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय आप्रवासी रहते हैं, और शिक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध रहे हैं। लेकिन अगर यह तनाव बढ़ता रहा, तो इन क्षेत्रों में भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। 

G-20 सम्मेलन में मोदी और ट्रूडो की अनदेखी – क्या संदेश है?
G-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी द्वारा ट्रूडो को अनदेखा करने का घटनाक्रम एक कूटनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत, कनाडा के साथ अपने रिश्तों को सुधारने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रहा है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि मानता है, और अगर कनाडा इस मामले में अपनी स्थिति में कोई बदलाव नहीं करता, तो द्विपक्षीय संबंधों में सुधार मुश्किल हो सकता है।

G-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और जस्टिन ट्रूडो के बीच दूरी और संवाद की कमी, भारत और कनाडा के रिश्तों में मौजूदा तनाव को और उजागर करती है। इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि दोनों देशों के संबंधों में अनबन बढ़ चुकी है, और भविष्य में इस दिशा में कोई सुधार होने की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही। हालांकि, कूटनीति के माध्यम से दोनों देशों के बीच सामान्य बातचीत की कोशिशें जारी रह सकती हैं, लेकिन फिलहाल यह स्थिति कोई सकारात्मक संकेत नहीं देती।


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Content Editor

Mahima

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