PM मोदी का दावा गलत, जेल में भगत सिंह से नेहरू ने की थी मुलाकात
Friday, May 11, 2018 - 01:41 PM (IST)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई को कर्नाटक के बीदर में आयोजित एक रैली में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब शहीद-ए-आजम भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जेल में बंद थे तब कोई भी कांग्रेसी नेता उनसे मिलने जेल नहीं गया। दरअसल मोदी ने यह टिप्पणी इसलिए की थी क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली स्थित एम्स में लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने गए थे। इस पर मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के नेता जेल में बंद भ्रष्ट लोगों से मिलते हैं। कनार्टक चुनाव प्रचार का शोर थम चुका है और शनिवार को राज्य की जनता उम्मीदवारों की किस्मत को ईवीएम में बंद करेगी। इसी बीच आज मोदी के नेहरू-भगत सिंह के बयान को लेकर अब सोशल मीडिया पर रिएक्शन आ रहा है। दरअशल मोदी ने जो दावा किया है वो गलत बताया जा रहा है और इसके लेकर प्रमाण भी पेश किए जा रहे हैं।
August 1929 :: Jawaharlal Nehru On His Meeting With Bhagat Singh , Jatindranath Das and Batukeshwar Dutt In Borstal Jail , Lahore
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) May 10, 2018
( Photo - Selected Works Of Jawaharlal Nehru Volume 4 /Page 13 ) pic.twitter.com/lD4W0IaEhZ
ये हैं दस्तावेजों में दावे
- सामने आए दस्तावेजों के मुताबिक पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर जेल में 8 अगस्त, 1929 को भगत सिंह और उनके साथियों से मुलाकात की थी। तब भगत सिंह और उनके साथी प्रशासन के दुर्व्यवहार के खिलाफ जेल में भूख हड़ताल कर रहे थे।
- सोशल मीडिया पर 10 अगस्त 1929 की ट्रिब्यून अखबार की वेरिफाइड कॉपी के शाट्स भी सामने आए हैं जिसमें नेहरू, भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त की मुलाकात की खबर प्रकाशित की है. खबर की हेडलाइन, "Pt. Jawaharlal Interviews Hunger Strikes" है।
- अखबार में छपी खबर के मुताबिक नेहरू एमएलसी डॉक्टर गोपीचंद के साथ लाहौर जेल गए और बोर्स्टल जेल में लाहौर षड्यंत्र केस में भूख हड़ताल कर रहे सत्याग्रहियों से मुलाकात की।
- खुद नेहरू ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में इस मुलाकात का भी जिक्र किया था।
- नेहरू ने लिखा था कि बड़ी ही मुश्किल से उन्हें भगत सिंह और उनके साथियों से मिलने की परमिशन मिली।
- भगत सिंह सहित उनके सभी साथ बहुत कमजोर दिख रहे थे, इसलिए उनसे ज्यादा बातचीत कर पाना भी मुश्किल था। लेकिन भागत सिंह के चेहरे पर आलौकिक और बौद्धिक आकर्षक था। उनके चेहरे पर क्रोध का एक भी भाव नहीं था, वे बिल्कुल शांत थे।
- भगत सिंह की बातचीत में भी सज्जनता और सौम्यता झलक रही थी।
- वहीं कई इतिहासकारों ने भी मोदी के बयान को नकारा है। उन्होंने कहा कि नेहरू तो सार्वजनिक तौर पर भी भगत सिंह पर बयान दे चुके हैं।
पीएम मोदी के बयान पर सोशल मीडिया में खूब मजाक बनाया गया। किसी ने लिखा कि ये तो भला हुआ कि मोदी ने यह दावा नहीं किया कि वे अकेले व्यक्ति थे जिसने जेल में बंद शहीदे आजम भगत सिंह से मुलाकात की थी।
Don't be surprised if even the NCERT History Books carry this fake picture of Shaheed Bhagat Singh and Veer Feku in the near future!🙄 pic.twitter.com/i1SQUiiN5q
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) May 10, 2018
Arre bhai RSS karyakartas & pracharaks visited him him, no? Why isn’t that enough? https://t.co/pWYqTTpB3r
— SonaliRanade (@sonaliranade) May 11, 2018
This is what happens when one goes to a Shakha instead of a school to earn a degree in entire political science. #JanJanKiCongresshttps://t.co/0uXNFbTB9D
— Priyanka Gandhi (@WithPGV) May 10, 2018