...तो PM मोदी को भी था सत्ता जाने का डर, कार से गए अमरकंटक

Tuesday, May 16, 2017 - 10:01 AM (IST)

भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नर्मदा संरक्षण के लिए सोमवार को जारी किए गए रोडमैप को भविष्य के विजन के लिए ‘परफैक्ट डॉक्युमैंट’ बताया है और मध्य प्रदेश सरकार से कहा है कि वह इसे देश के अन्य राज्यों को भी सांझा करे ताकि वे भी अपने-अपने राज्यों में नदियों के संरक्षण के लिए ऐसी ही पहल शुरू कर सकें। वहीं मरकंटक में मोदी के आने से पहले अटकलें थी कि वे कैसे यहां पहुंचेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- 8 किलोमीटर दूर एक गांव में उनका हेलीकॉप्टर उतारा गया। पीएम मोदी वहां से कार के द्वारा अमरकंटक पहुंचे। मान्यता है कि कोई बड़ी शख्सियत हवाई मार्ग से अमरकंटक पहुंचता है तो उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। मिथक है कि जिस राजनेता ने भी नर्मदा नदी को लांघा है, उसे अपनी सत्ता गंवानी पड़ी है।

भारतीय राजनीति के इतिहास पर नजर डालें तो सत्ता गंवाने वालों में तात्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा, उमा भारती, सुंदरलाल पटवा, श्यामाचरण शुक्ल, केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत ने नर्मदा नदी को लांघा था, जिसके बाद उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी थी।

वहीं अमरकंटक के बारे में मिथक है कि नर्मदा के उद्गम स्थल के आठ किमी के दायरे में जो भी हेलीकॉप्टर से आया, उसने सत्ता गंवाई। इलाके में चर्चा है कि इसी मिथक के चलते पीएम मोदी के लिए डिंडोरी जिले में अमरकंटक से आठ किमी की दूरी पर हेलीपेड बनाया गया है. बाकी की यात्रा उन्होंने कार से की।

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