PM मोदी ने GDP के 10 फीसदी पैकेज का किया ऐलान, अमेरिका, जापान की रेस में शामिल हुआ भारत

Wednesday, May 13, 2020 - 01:10 AM (IST)

नई दिल्लीः कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के नाम संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने देश की अस्त वयस्त पड़ी अर्थव्यवस्था के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। इस पैकेज में पहले की गई 1.70 लाख करोड़ का पैकेज भी शामिल है। यह रकम देश की जीडीपी का करीब 10 फीसदी हिस्सा है। इस लिहाज से देखें तो भारत दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए बड़े-बड़े इकॉनोमिक पैकेज का ऐलान किए हैं।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हाल ही में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। उन्होंने कहा, 'ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।' पीएम के इस ऐलान के साथ ही भारत अमेरिका और जापान के साथ आकर खड़ा हो गया है। जिन्होंने अपनी-अपनी जीडीपी के क्रमशः 13% और 21% से ज्यादा की रकम के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रखी है। पीएम मोदी के ऐलान के बाद स्पष्ट हो गया है कि पहले के ऐलानों के बाद अब विभिन्न क्षेत्रों के लिए 12 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त पैकेज दिया जाएगा।

12 लाख करोड़ रुपए और डालेगी सरकार
मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में मार्च महीने में घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज भी शामिल है। उस पैकेज के तहत गरीबों को मुफ्त राशन, गरीब महिलाओं और बुजुर्गों को नकद सहायता का प्रावधान किया गया था। बाद में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी नीतिगत ब्याज दरों में कटौती और बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के जरिए आर्थिक मदद का ऐलान किया था। 1.70 लाख करोड़ रुपये का पहला पैकेज तो जीडीपी का महज 0.8% था जबकि आरबीआई की ओर से घोषित पैकेज 6.5 लाख करोड़ का और जीडीपी का 3.2% है। यानी, कुल 8.20 लाख करोड़ रुपये के साथ जीडीपी के करीब 4% के बराबर की रकम का पैकेज पहले ही दिया जा चुका है।

प्रधानमंत्री ने आज के संबोधन में लॉकडाउन के चौथे चरण का भी ऐलान कर दिया। हालांकि, कुछ आर्थिक गतिविधियों की छूट दी जा चुकी है और आगे और भी पाबंदियां हटाए जाने की उम्मीद है। मोदी ने कहा कि यह पैकेज इस पैकेज में 'लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ, सभी पर बल दिया गया है।' उन्होंने कहा कि ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे एमएसएमई के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। पीएम ने मंगलवार को कहा, 'कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा।' 

घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर
पीएम ने इस पैकेज का विस्तृत ब्योरा पेश नहीं किया और कहा कि बुधवार से अगले कुछ दिनों तक हर सेक्टर के लिए तय पैकेज की पूरी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देंगी। प्रधानमंत्री ने यह संकेत जरूर दिया कि पैकेज के जरिए एमएसएमई सेक्टर को टैक्स से राहत दी जाएगी और देश के अंदर उत्पादन बढ़ाकर निवेश आकर्षित किया जाएगा। देश के बुनियादी ढांचों के निर्माण में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही, चीन छोड़कर निकलने वाली कंपनियों को आकर्षित करने के लिए आसानी से जमीन मुहैया कराने और श्रम सुधारों के लिए भी पैकेज के जरिए राहत प्रदान की जा सकती है। 

Yaspal

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