PM मोदी और जिनपिंग की चाय ने बिगाड़ा पाकिस्तान का ''स्वाद''

Saturday, Apr 28, 2018 - 04:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय चीन दौरे के अंतिम दिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ईस्ट लेक पर घूमते हुए बातचीत की। दोनों नेताओं ने नौका विहार भी किया और साथ ही चाय की चुस्की भी ली। लेकिन यह चाय भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान का स्वाद बिगाड़ सकती है। दरअसल भारत और चीन ने आपसी सीमा विवाद हल करने की दिशा में आगे बढ़ने तथा एक दूसरे को मान्य समझौते के लिए अपने प्रयास तेज करने का फैसला किया है। इसके साथ ही दोनों देशों ने आतंकवाद को सांझा खतरा स्वीकार करते हुए इसके खिलाफ सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की। 

भारत और चीन ने माना आतंकवाद को सांझा खतरा
 पीएम मोदी और जिनपिंग की अनौपचारिक बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति के अनुसारमोदी और जिनपिंग ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में सहयोग करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।  दोनों देशों ने अफगानिस्तान में एक संयुक्त आर्थिक परियोजना पर काम करने के लिए सहमति जतायी है जो पाकिस्तान के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के अधिकारी भविष्य में होने वाली चर्चाओं में परियोजना की पहचान करेंगे और उसके तौर-तरीकों एवं रुपरेखा पर काम करेंगे। संकट से घिरे अफगानिस्तान में भारत और चीन द्वारा शुरु की जाने वाली यह अपनी तरह की पहली परियोजना होगी। वहीं दोनों नेताओं ने आपसी सीमा विवाद हल करने करने के प्रयास तेज करने पर सहमति व्यक्त की और सीमा विवाद के संबंध में विशेष प्रतिनिधियों को सहयोग का आश्वासन दिया तथा उनसे उचित, तर्कसंगत और आपसी रुप से स्वीकार्य समझौते की ओर बढऩे की अपील की।  

दोनों देश बढ़ाएंगे आपसी व्यापार
बैठक के दौरान मोदी और जिनपिंग ने माना कि भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक अर्थव्यवस्था में रणनीतिक तथा निर्णायक प्रमुख शक्ति हैं और इनका प्रभाव क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होता है। मोदी और जिनपिंग ने जोर देकर कहा कि क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत और चीन के हित एक समान है। इसके लिए दोनों पक्षों ने सांझा हितों के मामलों पर व्यापक सलाह के जरिए रणनीतिक संवाद को मजबूत करने की जरुरत बताई। दोनों नेताओं का मानना है कि इससे आपसी समझ पर सकारत्मक प्रभाव होगा और क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता बनेगी। भारत और चीन ने एक दूसरे की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश को संतुलित तरीके से आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है।  वहीं आपसी व्यापार एवं निवेश को संतुलित ढंग से आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। 


चुनौतियों से निपटने के लिए आएंगे एक साथ 
बैठक में दोनों नेताओं ने कहा कि व्यापार और निवेश एक दूसरे की आवश्यकताओं के अनुरुप होना चाहिए। उन्होंने सांस्कृतिक सहयोग तथा आम जनता के आपसी संपर्क बढ़ाने पर भी चर्चा की और इस दिशा में आगे बढऩे के लिए नए प्रणाली स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने कहा कि वैश्विक समृद्धि और शांति में भारत और चीन अलगत्रअलग अपने आर्थिक प्रगति एवं विकास से योगदान करते हैं और भविष्य में भी दोनों अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक अर्थव्यवस्था के इंजन बने रहेंगे। उन्होंने दोहराया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था खुली, बहुस्तरीय, बहुलवादी और भागीदारीपूर्ण होनी चाहिए जिससे सभी देश विकास कर सकें और दुनिया के सभी क्षेत्रों से गरीबी तथा असमानता के उन्मूलन में योगदान कर सकें।  मोदी और जिनपिंग ने कहा कि 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देशों को एक साथ आना चाहिए जिससे इनका समाधान किया जा सके। दोनों पक्षों ने इस दिशा में सहयोग करने पर भी सहमति व्यक्त की। 

vasudha

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