शांति निकेतन में बोले PM मोदी, भारत-बांग्लादेश सहयोग एवं आपसी समझ से जुड़े 2 देश

Friday, May 25, 2018 - 04:15 PM (IST)

शांतिनिकेतन (कोलकाता) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत और बांग्लादेश सहयोग एवं आपसी समझ से जुड़े दो अलग देश हैं। मोदी ने यहां विश्वभारती विश्वविद्यालय के 49 वें दीक्षांत समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विश्वविद्यालय की कुलपति सबुजकोली सेन के साथ मंच साझा किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत और बांग्लादेश सहयोग और आपसी समझ से जुड़े दो भिन्न देश हैं। चाहे उनकी संस्कृति हो या लोकनीति, दोनों देशों के लोग एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं।’’ मोदी ने कहा कि बांग्लादेश भवन इसका एक उदाहरण है।

केंद्रीय विश्वविद्यायल के आचार्य अथवा चांसलर मोदी ने इस मौके पर शेख हसीना के साथ बांग्लादेश भवन का उद्घाटन किया। भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक संबंधों के प्रतीक इस भवन का निर्माण विश्वविद्यालय परिसर में बांग्लोदश ने किया है। युवकों के मस्तिष्क को निखारने में विश्वभारती के योगदान की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि वह टैगोर की भूमि पर पहुंचकर रोमांचित हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘मंच पर आते समय मैं सोच रहा था कि यह रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि है। यहीं कहीं उन्होंने रचनाएं लिखीं, गीत लिखे और महात्मा गांधी के साथ विमर्श किया और अपने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।’’ केंद्र की मदद से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा , ‘‘मुझे बताया गया कि आप 50 गांवों का विकास कर रहे हैं। आप 2021 तक, जब विश्वविद्यालय के सौ साल पूरे हो जाएंगे, 50 और गांवों का विद्युत आपूर्ति, गैस कनेक्शन और ऑनलाइन विनिमय के साथ विकास करने का संकल्प ले सकते हैं।’’ इस मौके पर उन्होंने उनके बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर के गुजरात संपर्क की भी चर्चा की। उन्होंने कहा , ‘‘सिविल सेवा से जुड़ने वाले पहले भारतीय सत्येंद्र नाथ टैगोर अहमदाबाद में तैनात थे।

17 साल की उम्र में विदेश जाने से पहले गुरुदेव ने छह महीने के लिए अपने भाई से ट्यूशन लिया। अहमदाबाद में रहने के दौरान उन्होंने एक उपन्यास लिखा और कई कविताएं लिखीं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘125 करोड़ लोगों ने 2022 तक नये भारत का निर्माण करने का संकल्प ले लिया है। यह सपना शिक्षा के माध्यम से हासिल किया जा सकता है और उसके लिए विश्वभारती जैसे संस्थान को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस विश्वविद्यालय के स्नातक भारत के विकास में योगदान देंगे, उसे एक नई दिशा देंगे।’’

Seema Sharma

Advertising