ट्रिपल तलाक से लेकर केरल बाढ़ तक, पढ़िए मोदी के मन की खास बातें

Sunday, Aug 26, 2018 - 02:48 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को रविवार को रक्षाबंधन एवं जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम के 47वें संस्करण में कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार। आज पूरा देश रक्षाबंधन का त्योहार मना रहा है। सभी देशवासियों को इस पावन पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व बहन और भाई के आपसी प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार सदियों से सामाजिक सौहार्द का भी एक बड़ा उदाहरण रहा है। देश के इतिहास में अनेक ऐसी कहानियां हैं, जिनमें एक रक्षा सूत्र ने दो अलग-अलग राज्यों या धर्मों से जुड़े लोगों को विश्वास की डोर से जोड़ दिया था।

मोदी नेकहा कि अभी कुछ ही दिन बाद जन्माष्टमी का पर्व भी आने वाला है। भगवान कृष्ण के रंग में रंगकर झूमने का सहज आनन्द अलग ही होता है। उन्होंने कहा कि पूरा वातावरण हाथी, घोड़ा, पालकी- जय कन्हैयालाल की, गोविन्दा-गोविन्दा की जयघोष से गूंजने वाला है। देश के कई हिस्सों में और विशेषकर महाराष्ट्र में दही-हांडी की तैयारियां भी हमारे युवा कर रहे होंगे। सभी देशवासियों को रक्षाबन्धन एवं जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
 

 

मन की बात की खास बातें

  • मानसून सत्र में सभी दलों के सांसदों ने मिलकर संसद में एक आदर्श प्रस्तुत किया है।
  • मानसून सत्र में युवाओं और पिछड़े समुदायों को लाभ पहुंचाने वाले कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। इस सत्र में बलात्कार जैसे अपराधों को रोकने के लिए कठोर कानून बनाया गया। 
  • इस बार लोकसभा का प्रदर्शन 118 प्रतिशत और राज्यसभा का प्रदर्शन 74 प्रतिशत रहा। 
  • दलहित से ऊपर उठकर सभी सांसदों ने मानसून सत्र को अधिक से अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया और इसी का परिणाम है कि लोकसभा ने 21 विधेयक और राज्यसभा ने 14 विधेयक पारित किए।
  •  देश की प्राचीन संस्कृत भाषा में ज्ञान का अकूत भंडार है और इससे जलवायु परिवर्तन जैसी आधुनिक समस्याओं से निपटा जा सकता है।
  • हर भाषा का अपना महत्व होता है। भारत इस पर गर्व करता है कि तमिल भाषा विश्व की सबसे पुरानी भाषा है और सभी भारतीय इस बात पर भी गर्व करते हैं कि वेदकाल से वर्तमान तक संस्कृत भाषा ने भी ज्ञान के प्रचार-प्रसार में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
  • मानसून की अच्छी बारिश को किसानों के लिए नई उम्मीद की सौगात दे गई तो वहीं अतिवृष्टि भी हुई जो कुछ अन्य क्षेत्रों के साथ ही केरल में तबाही लाई लेकिन आपदा की इस घड़ी में पूरा देश पीड़ितों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़ा है।

  • केरल में भीषण बाढ़ ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इन कठिन परिस्थितियों में पूरा देश केरल के साथ खड़ा है।
  • आपदाएं जिस प्रकार की बर्बादी छोड़ जाती हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण हैं लेकिन आपदाओं के समय मानवता के भी दर्शन हमें देखने को मिलते हैं। कच्छ से कामरूप और कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोई अपने-अपने स्तर पर कुछ-न-कुछ कर रहा है ताकि जहां भी आपदा आई हो वहां जन-जीवन फिर से सामान्य हो सके। 
  • पूरा देश इस काम में अपना योगदान दे रहा है और हर कोई यह सुनिश्चित करने में लगा है कि केरल के लोगों की मुसीबत कम-से-कम कर उनके दु:खों को बांटा जा सके। 
  • केरल में चल रहे बचाव कार्य में सशस्त्र बल के जवानों के काम सराहनीय है। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
  • राष्ट्रीय आपदा बल ने संकट के इस क्षण में बहुत ही उत्तम कार्य किया है। त्वरित निर्णय से परिस्थिति को संभालने में उनकी क्षमता हर हिन्दुस्तानी के लिए एक नया श्रद्धा का केंद्र बन गया है।
  • पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में नई राजनीतिक संस्कृति की शुरूआत की जिसका असर भविष्य में लंबे समय तक दिखाई देता रहेगा। 
  • भारत हमेशा 91वें संशोधन अधिनियम 2003 के लिए अटल जी का कृतज्ञ रहेगा। इस बदलाव ने भारत की राजनीति में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन किए। पहला यह कि राज्यों में मंत्रिमंडल का आकार कुल विधानसभा सीटों के 15 प्रतिशत तक सीमित किया गया। दूसरा यह कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत तय सीमा एक-तिहाई से बढ़ाकर दो-तिहाई कर दी गई।

     
  • पूरी पृथ्वी पर ऐसी कोई वस्तु नहीं है जिससे गुरू का ऋण चुकाया जा सके।
  • 5 सितंबर को आने वाले शिक्षक दिवस को सभी को इसी भाव के साथ मनाना चाहिए। जीवन में गुरु का महत्व समझाने के लिए कहा गया है-ज्ञान और गुरु अतुल्य है, अमूल्य है, अनमोल है। 
  • शिक्षक दिवस के मौके पर महान चिन्तक और पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को हमेशा याद किया जाता है। उनकी जन्म जयंती को ही पूरा देश शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है।
  • लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पारित कर दिया गया है हालांकि यह राज्यसभा के इस सत्र में पारित नहीं हो पाया है लेकिन मुस्लिम महिलाओं के साथ देश न्याय करेगा।  

     
  • बलात्कार के दोषियों को कड़ी सजा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नारी शक्ति के खिला$फ कोई भी संख्य समाज किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकता। 
  • बलात्कार के दोषियों को देश सहन करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए संसद ने आपराधिक कानून संशोधन विधेयक पारित कर कठोरतम सजा का प्रावधान किया है।
  • दुष्कर्म के दोषियों को कम-से-कम 10 वर्ष की सजा होगी, वहीं 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म पर फांसी की सजा होगी।
  • इंडोनेशिया में चल रहे एशियाई खेल 2018 में पदक विजेताओं को बधाई। बेटियों और युवाओं ने देश का मान बढ़ाया है।

Seema Sharma

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