पीएम केयर्स "सरकार द्वारा स्थापित" लेकिन आरटीआई के दायरे में नहीं, दस्तावेजों में दी गई जानकारी
Friday, Dec 25, 2020 - 06:49 PM (IST)
नेशनल डेस्कः पीएम केयर्स फंड कोविड काल में अनुदान के लिए सरकार द्वारा बनाया गया था और यह एक कार्यक्रम सार्वजनिक निकाय हैं। केंद्रओ सरकार ने एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है। हालांकि यह जवाब उसके उसी हालिया दावे के उलट प्रतीत होता है, जिसमें कहा गया है कि यह फंड निजी है। सरकार ने कहा है कि पीएम केयर्स भारत सरकार का, उसके द्वारा स्थापित और नियंत्रित संस्थान है। लेकिन यह सूचना के अधिकार (RTI) कानून के दायरे में नहीं आता क्योंकि यह निजी फंड को स्वीकार करता है। पीएम केयर्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च में स्थापित किया था, ताकि कोरोना काल के दौरान आपातकालीन को पूरा किया जा सके।
24 दिसंबर को एक RTI के जवाब में कहा गया, "पीएम-केयर्स फंड पूरी तरह से व्यक्तियों, संगठनों, सीएसआर, विदेशी व्यक्तियों, विदेशी संगठनों और पीएसयू से प्राप्त अनुदानों से चलता है। यह किसी भी सरकार से वित्त पोषित नहीं है और ट्रस्टी के तौर पर निजी व्यक्ति ही इसका संचालन करते हैं। लिहाजा यह आरटीआई कानून की धारा 2 (एच) के तहत नहीं आता है। ऐसे में पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) को किसी भी तरह से सार्वजनिक निकाय नहीं माना जा सकता।
27 मार्च को स्थापित पीएम-केयर्स फंड की ट्रस्टी डीड में कहा गया है कि यह सरकार का या उसके द्वारा नियंत्रित नहीं है। इस दस्तावेज से भ्रम और गहरा गया है कि क्योंकि आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक इससे विरोधाभास पैदा हो रहा है। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह फंड सरकारी निकाय के तौर पर चिन्हित किया गया है, जो दानदाताओं से करोड़ों रुपये का अनुदान स्वीकार करता है, लेकिन यह ऐसे अन्य सरकारी संगठनों की तरह दान की जानकारी देने को बाध्य नहीं है।
पीएम केयर्स ट्रस्ट (PM-CARES Trust) को दिल्ली के राजस्व विभाग में पंजीकृत कराया गया है। इसके चेयरपर्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और कई वरिष्ठ मंत्री इसके ट्रस्टी हैं। लेकिन फंड की जो ट्रस्टी डीड हाल ही में इसकी वेबसाइट में डाली गई है, उसमें इसे सरकारी संस्थान के तौर पर नहीं दर्शाया गया है। पीएम केयर्स या प्राइम मिनिस्टर्स सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशंस फंड 27 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित किया गया था, ताकि कोरोना की महामारी के दौरान किसी भी आपात स्थिति के लिए धन का प्रबंध किया जा सके।